3Idiot मूवीज की कहानी क्या हैं और हमें इस मूवीज से क्या सिखने को मिलता है।
3Idiot मूवीज एक इंजीनियर पर आधारित कहानी है जिसको आमिर खान ने अभिनय किया है इस मूवीज में दिखाया गया है की कैसे एक कॉलेज में तीन दोस्त रहते है जो की एक साथ एक वर्ग में रहते है जिनका नाम होता राजू राश्तोकि, फरहान अख्तर और रणछोड़ दास ये तीनो दोस्त होते है जो की हॉस्टल में भी साथ में रहते है इसमें राजू अपने पढ़ाई में कमजोर रेहता है और वो अपनी कमजोरी को छिपाने के लिए भगवन की पूजा करता है, वो हर एक एग्जाम में भगवन को पूजता है की भगवन मुझे इस बार इस एग्जाम में पास करवा देना। वही दुषरी तरफ रणछोर दास अपने प्रतिभा के बल पे सारी परीक्षा को पास करता है वो अपने दोस्तों को ये बताना चाहता है की रट्टामल मत बनो चीज़ो को अच्छी तरह से समझ के पढ़ो, रणछोर दस बचपन से तेज बुद्धि का था वो जब आठवीं में था उस वक़्त अपने गावं के स्कूल में दशवी की प्रश्न को हल कर रहा था इस पर किसी शिक्षक में उन्हें देख लिए था और वो उनके पिताजी के पास ले गए और बोले की ये बच्चा बहुत ही होनहार है इसको पढ़ने का बहुत शौक है आप इसे पढ़ाइये, वही पे उनका एक बारे भाई रेहता है जो की इसके प्रतिभा को अच्छी तरह से जनता है, की रणछोर दास में कितना प्रतिभा भरी हुए है, वो अपने सारे स्कूल कार्य रणछोर दास से करवाया करता था, जब वो बड़ा होता है इसके बाद वो कॉलेज में इंजीनियर करने के लिए दाखिला लेता है उसके बाद इनके दो और नए दोस्त बनते है, जिनका नाम राजू और फरहान रेहता। फरहान भी एक इंजीनियर छात्र रेहता है उसका मन इंजीनियरिंग में बिलकुल भी नहीं लगता वो वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बनना चाहता है लेकिन अपने पिता के जिद के कारन वो इंजीनियरिंग करने चला आता जिसके बाद उनकी मुलाकात रणछोर दाश से होती है, फिर रणछोर दास उन्हें समझाता है की तुम्हे जिस छेत्र में तुम्हारा रुचि है तुम उस छेत्र में जाओ जिंदगी को बोज मत बनाओ अपने जुनून के पीछे भागो तब जेक तुम्हारी ज़िंदगी सफल हो पाएगी, उसके बाद ये लोग एक दिन फरहान के घर जाते है तब रणछोर एक चीज़ देखता है की फरहान की खींची हुए फोटोज लगी हुई है जो की रणछोर दास को बहुत अच्छी लगती है और वो फरहान से उनके पापा के सामने पूछ बैठता है ये फरहान ये क्या तुमने खींचा हैं कितनी अच्छी फोटोज खींची हैं तुमने तब फरहान के पापा बोलते है है जनाब को वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बनना था ९७ परसेंट मार्क थे इनके और ये इंजीनियरिंग छोर के वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बनना चाहता था, उस वक़्त रणछोर दास बोलता है ये तो अच्छी बात है की देखो अंकल इसने कितनी अच्छी फोटोज खींची है, फिर थोड़ा बाता कही के बाद ये लोग वह से चल देते है। फिर ये लोग राजू राश्तोकि के घर जाते है वाहा वो लोग देखते राजू एक गरीब परिवार से होता उनके पिता एक लकवा रोगी होते हैं घर में एक जवान बहन होती है उनके माँ के पेंशन से सारे घर का खर्चा चलता है, फिर खन्ना कहते समय राजू और उनके माँ में कुछ नोक झोक होती है और ये लोग फिर वह से चल देते है इन लोगो को भूख भी लगी होती है फिर ये लोग एक शादी में जाते है खांना खाने जो की उनके कॉलेज के प्रिंसिपल के बेटी का होता वाहा पे इनकी मुलाकात पिया से होती है जो की बाद में जाके उनको रणछोर दास से प्यार हो जाता है, फिर ये एक रत दारू पि रहे होते है और आपस में ये लोग बाते कर रहे होते है तभी राजू बोलता है “रणछोर दास से की एक बात बता मेरा तो जूनून है इंजीनियरिंग फिर हम क्यों नहीं एग्जाम में आगे आपाते है” तब रणछोर दास बोलता है ” तू डरपोक है देख अपने हाथ में तुमने कितने सारे अंगूठी पहन रखे है एक एग्जाम पास करने के लिए और दूसरी जॉब के लिए तीसरी अपने बहन के शादी के लिए डरता है तू अपने ज़िंदगी से एइसे ही डरता रहा तो ज़िंदगी क्या जिएगा खाक, तभी फरहान बोलता इसकी छोर तू मेरी बता मेरे में क्या दिक्कत है जो में एग्जाम में टॉप नहीं कर पा रहा हु तब रणछोर दास बोलता है तू अपने जीवन में जबरदस्ती कर रहा है तेरा जूनून कुछ और है और तू कर कुछ और रहा हैं तभी फरहान बोलता है चल हम दोनों का छोर तू तो पिया पे मरता भी है और उसे कुछ बोलता भी नहीं है तभी रणछोर दास बोलता है चल तू मेरे साथ अगर मैंने पिया को I Love You बोल दिया तो तू एक वादा कर की मैं तुझे जो बोलूंगा वो तो करेगा, फिर ये दोनों इस बात को लेकर मान जाते है और फिर रणछोर दस पिया को I Love You बोल देता है लेकिन राजू नशे में एक गलती करता है प्रिंसिपल के दरवाजे के सामने शुशु कर देता ये साड़ी चीज़ें प्रिंसिपल देख लेता है और अगले दिन राजू को सस्पेंड कर देता है इससे दुखी होकर राजू अपने कॉलेज के सबसे उप्परि छत से निचे आत्महत्या के लिए कूद जाता है और उनकी हालत गंभीर रूप से ख़राब हो जाती है, फिर कुछ दिन बाढ़ जब राजू ठीक होता तब वो इंटरव्यू के लिए तैयार होता है उसके साथ फरहान भी तैयार होता है तब फरहान कहता तू भी मेरे साथ चल रहा है तब राजू कहता उस रात तूने रणछोर दास से क्या वादा किया था। फिर इधर राजू अपने अंगूठी फेक कर इंटरव्यू के लिए जाता और वो इंटरव्यू में पास कर जाता है और उनकी जॉब भी लग जाती है उधर फरहान अपने पिताजी के पास जाता हैं ये मानाने की हम इंजीनियरिंग को छोर कर वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बनना चाहते है, फिर फरहान के पापा भी मान जाते है फरहान के पापा फरहान के लिए लैपटॉप लाये रहते हैं जो की उनको वापस कर के उनके लिए कैमरा लेते है ताकि फरहान वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बन सके, जब प्रिंसिपल को ये बात पता चलती है की राजू को जॉब मिल गयी उसके बाढ़ वो बोलते है देखते है कैसे इस बार वो पास कर पता है इस बार का प्रश्न मैं सेट करूँगा इधर पिया सारी बाते सुन लेती है और रणछोर को अपने पिता के ऑफिस की चाबी देती है की जाओ और अपने दोस्त के लिए प्रश्न निकाल लो जो की मेरे पापा ने तुम्हारे दोस्त को फ़ैल होने के लिए तैयार किया है जब ये दोनों फरहान और रणछोर प्रिंसिपल के ऑफिस में जाते है तो किसी काम से पिया को फ़ोन करना होता और वो ऑफिस वाले नंबर से पिया को फ़ोन कर देता है जो की पिया उस वक़्त किसी काम मैं बिजी रहती है और फ़ोन खुद प्रिंसिपल सर देखते है की ये तो मेरे ऑफिस का नंबर है इतनी रत में कोण ऑफिस में इसके बाढ़ जो है वो सीधे राजू के रूम में जहा ये तीनो दोस्त एक साथ होते है और तीनो को रंगे हाथो पाकर लेते है उनसब को कॉलेज से डिस्मिस कर देते है। तभी अचानक वर्षा होने लगती है सारे सहर में पानी भर जाता है, तभी रणछोर की नजर पिया के बरी बहन पे परती है जो की एक कार में होती है और दर्द से चिल्ला रही होती है क्योंकी वो गर्ववती होती है और उनका उस वक़्त बच्चे को जनम देने का समय रेहता फिर राजू, फरहान, रणछोर दास और कॉलेज के सारे दोस्त मिलकर उनकी डिलीवरी करवाते है, और फिर प्रिंसिपल उन सब को जाने से रोकता है और बोलता है एग्जाम देके यहाँ से चले जाओ।
इस मूवीज से हमें यही सिख मिलती है की हमें अपने जीवन में लक किस्मत और दुषरे के भरोशे पे जिंदगी नहीं जीनी चाहिए। जीवन में कामियाब होने के लिए हमें काबिल बनना चाहिए।