कुछ बातें अनकही अनसुनी सी प्रथम भाग

बचपन से ही आपकी रुचि चित्र बनाने, कविताएँ, लघु कथा और शायरी लिखने में रही है।
आपके पास लेखनी से अपनी खुशियां और भावनाएं दूसरों के साथ  साझा करने की अद्भुत कला है। एक लेखक के तौर पर यह आपका पहला संकलन है।
आप अपनी स्नातक की पढ़ाई “वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय” से पूरी कर दिल्ली काम के तलाश मे आ गए और यही पर रह कर लेखाकार की नौकरी करने लगे। पर्याप्त समय ना मिल पाने के वजह से आपने अपने लिखने की इक्षाओ को दिल मे ही दबा कर रखा, पर कोविड जैसी आपदा में नौकरी छूट जाने के वजह से आपने फिरसे लिखना शुरू किया और कई कविताएं, गजल, कहानी और शायरियां लिखी। जिसका एक भाग आप Hindi Forest के जरिए प्रकाशित कर रहे हैं ।

कहानी के बारे में

यह कहानी लेखक की कल्पना पर आधारित है और यह किसी भी वास्तविक जीवन की कहानी से संबंधित नहीं है।
कहानी प्यार, ड्रामा और रोमांच से भरपूर है,

इस कहानी मे दर्साया गया है की कैसे राहुल और स्वरा नाम के दो क्षात्र अलग-अलग गांव से नए शहर में अपना ग्रेजुएशन पूरा करने आते हैं और कैसे वे एक दूसरे के इतने करीब आ जाते हैं, प्यार में पड़ जाते हैं, इस दौरान कैसे वे एक साथ अपनी समस्याओं को संभालते हैं।
यह कहानी पॉजिटिव वाइब्स और विचारों से भरी हुई है।

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हल्की-हल्की बारिश हो रही थी और आज स्वरा और राहुल का भी कालेज में पहला दिन था । दोनों ही अपनी बारहवीं की पढ़ाई गांव के छोटे से स्कूल से पूरी करके पहली बार अकले किसी बड़े सहर में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने आये थे । सहर के लोगों का हाव-भाव, रहन सहन कुछ भी उनके समझ में नहीं आ रहा था और इस बड़े सहर में उनका कोई दोस्त भी तो नहीं था।
वही बारिश में भीगते हुए स्वरा कालेज पहुँची अपने गाव के पुराने सूट में जोकी उसकी मां ने घर पर ही सिला था, अपनी साइकिल खड़ी करके जैसे ही कालेज में आई सारे बच्चे उसे देख कर जोर-जोर से ठहाके मारकर हंसने लगे । रोकी ने कहा ये देखो गांव से नई दीदी आई है और बाकियों ने भी ठहाके लगाते हुए बहुत मजाक उड़ाया बिचारी स्वरा का। उधर राहुल भी भीगते हुए अपनी नई बाइक पर कालेज आया जोकी उसके पापा ने उसे उन्नीसवें वर्ष के जन्मदिन पार्टी में दी थी।
गांव से आने के वजह से दोनों से कोई बात भी नहीं करना चाह रहा था । स्वरा और राहुल एक ही सीट पर बैठे थे पर एक दूसरे से बात करने में हिचक रहे थे । धीरे-धीरे साम हो रही थी और इधर बारिश में भीगने के वजह से स्वरा की तबीयत भी खराब हो रही थी हलका-हलका सर दर्द और बुखार, पर लोग देख कर भी अनदेखा कर रहे थे और इधर थोड़ी ही देर में कालेज की छुट्टी भी हो गई । स्वरा को समझ नहीं आ रहा था की अब वो घर कैसे जायेगी अब तो बुखार से उसका पूरा बदन लाल हो गया था और इतने बड़े सहर में कोई जानने वाला भी तो नहीं था । और करती भी क्या कालेज के गेट पर खड़े-खड़े बस रोने ही वाली थी की पीछे से किसी लड़के की आवाज आती है ,- हेलो मैं राहुल हूं क्या हुआ आपको कोई दिक्कत है क्या ? स्वरा पहले तो बिलकुल डर गई फिर पीछे मुड़ कर देखा,- अरे ये तो वही लड़का है जो क्लास में मेरे साथ बैठा था। जबतक स्वरा कुछ बोलती तबतक राहुल ने फिर से बोला क्या हुआ मुझसे बताओ डरो नहीं मैं अच्छा लड़का हूं स्वरा कुछ समझ नहीं पा रही थी कैसे बताये उसे, फिर लड़खड़ाते हुए आवाज में बोला नहीं कुछ नहीं मैं ठीक हूं बस थोड़ा थकान सा हो रहा है मैं घर चली जाऊंगी कोई नहीं तुम जाओ इतना कहते हुए स्वरा लड़खड़ाते कदमों से अपनी साइकिल की तरफ बढ़ने लगी । इधर साम भी ढलने वाली थी राहुल ने फिर से पूछा कोई दिक्कत तो नहीं ? मुझे तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं लग रही अगर बुरा ना मानो तो मैं तुम्हें तुम्हारे घर तक छोड़ देता हूं देखो साम भी हो चली है और तुम्हारी तबीयत भी ठीक नहीं रास्ते में से हम दवा भी ले लेंगे। यह सुन के स्वरा रुक गई उसे डर भी लग रहा था की जाने कौन है ये लड़का कैसा है और आये दिन वो साम को पापा के साथ समाचार में ऐसी घटनाएं सुनती रहती थी की सहर में कुछ बदमासों ने किसी लड़की को बहला फुसला कर उसका बलात्कार कर फिर उसे जिंदा जला दिया कितने सरम की बात थी ये किसी सहर के लिए, पर अब भरोसा करने के सिवा करती भी क्या ! और एक कदम चलने की भी शक्ति नहीं बची थी । काफी देर सोचने के बाद आखिरकार स्वरा हिम्मत करके वापस मुड़ी और हलके-हलके कदमों के साथ राहुल की तरफ बढ़ने लगी वो मन में कुछ बड़-बड़ा रही थी शायद कोई मन्त्र वगैरा था जोकी अपनी रक्षा के लिए पढ़ रही थी। आखिरकार स्वरा राहुल की बाइक पर बैठ गई और जैसे ही उसने अपना हाथ राहुल के कंधे पर रखा तो राहुल बिलकुल डर गया और बोला अरे तुम्हारी तो बहुत जादे तबीयत खराब है चलो पहले तुम्हें डाक्टर के पास ले चलता हूं फिर घर जाना। ये सुन के स्वरा बोली नहीं नहीं बस थोड़ा सा बुखार है यही कही मेडिकल स्टोर से दवा ले लुंगी ठीक हो जायेगा । राहुल थोड़ा सा गुस्सैल था उसने स्वरा को डाटते हुए कहा नहीं पहले हम डाक्टर के पास जायेंगे वहां से दवा लेंगे फिर जहां मन वहां जाना स्वरा राहुल की तेज आवाज से डर गई और चुप हो गई फिर राहुल को लगा की उसने कुछ जादे ही जोर से बोल दिया और राहुल ने बोला अच्छा बाबा सारी पर तुम्हारी तबीयत खराब है ना तो पहले दवा करा लो फिर घर जाना,

फिर याद आया वो तो राहुल के साथ हास्पीटल आई थी । तबतक राहुल बोला ओह जग गई चलो मुंह हाथ धो लो हमें घर भी जाना है ना । फिर स्वरा सोचते हुए की “पता नहीं कौन है ऐसा लगता है हम एक-दूसरे को सदियों से जानते है” मुंह हाथ धोने चली गई । उसके बाद दोनों हास्पीटल से बाहर निकले तो राहुल ने कहा चलो चाय पी लेते है अब किसे पता था उनकी लव-स्टोरी की पहली चाय ऐसे एक दूसरे को जाने बिना हास्पीटल के बाहर होगी पर जो भी है पता नहीं क्यों स्वरा को राहुल का साथ अच्छा लगने लगा था । फिर वो एक चाय की टपरी पर चाय पीने लगे की इतने में ही राहुल ने अपनी जेब से सिग्रेट की डिब्बी निकाल कर एक सिग्रेट जला कर पीने लगा ये देख स्वरा गुस्से से बोली तुम सिग्रेट भी पीते हो फेंको इसे और राहुल के मुंह से निकाल कर फेंक दी । ये नया अवतार देख कर राहुल एकदम दंग रह गया फिर स्वरा बोली इसी सिग्रेट ने मेरे भाई को मुझसे छीन लिया मैं अब फिरसे नहीं चाहती की कोई मेरा अपना इसकी वजह से मुझसे दूर जाये । इतना सीरियस माहोल देख कर राहुल हंसते हुए बोला अच्छा बाबा सोरी अब नहीं पियूंगा पर अब तक तुमने बताया नहीं ? स्वरा कन्फ्यूज हो गई,- क्या नहीं बताया ! फिर राहुल बोला अरे वही तुम्हारे बारे में पूछा था ना, नाम वगैरा । स्वरा बोली,- इशशशशश सोरी यार भूल गई थी मेरा नाम स्वरा तिवारी है और मैं राम पुर से हूं मेरे पापा किसान है और मां सिलाई करती है मैं और मेरा भाई बस हम दो थे पर स्वरा रोते हुए बोली मेरा भाई अब नहीं रहा वो मुझसे पांच साल बड़ा था और उसका नाम राकेश था, वो भी सिग्रेट बहुत पीता था जिसके वजह से उसे केन्सर हो गया था । और तुम बताओ कुछ अपने बारे में !

राहुल बोला मैं भी एक छोटे से गांव से ही हूँ मेरा नाम तो तुम जानती ही हो और मैं अपने मम्मी पापा का इकलौता हूं, मेरे पापा आर्मी में सूबेदार है और मेरी मम्मी मेरे बचपन में ही चल बसी। मेरी नई मम्मी घर पर ही रहती हैं और तुम्हें पता है मुझे कविताएं, कहानियां लिखने का बहुत सौक है । मैंने तो अपने पापा और मम्मी पर भी कविता लिखी है। यह सन कर स्वरा बोली

वाह सुनाओ फिर तो राहुल ने बोला हां क्यों नहीं अब घर चल कर सुनाऊंगा चलो समय देखो नौ बजने वाले हैं स्वरा भी बोली अरे हां चलो, फिर राहुल ने बोला पर तुम्हारा घर कहा है स्वरा बोली अमर कालोनी यह सुनकर राहुल बोला अरे वाह मैंने भी उसी कालोनी में रूम लिया है। तबतक बाते करते हुए दोनों घर भी पहुंच गये स्वरा बाइक से उतरी और बोली आ जाओ कोई नहीं आज बिना कविता सुने नहीं जाने दूंगी । राहुल ने बहुत बहाने बनाये की फिर कभी पर स्वरा एक बार जो जिद पकड़ ले फिर कहां किसी की सुनती। राहुल भी वहीं बाइक लगा कर अन्दर आ गया । स्वरा बोली वही बगल में वाश-रूम है ये लो तौलिया और हाथ मुंह धो लो तबतक मैं चाय बनाती हूँ फिर चाय पीते-पीते तुम्हारी कविता सुनेंगे।
राहुल जबतक मुंह हाथ धो कर आया तबतक स्वरा का भी चाय तैयार हो चुका था अभी राहुल आ कर बैठा ही था की स्वरा उधर से कुछ गुन-गुनाते हुए चाय और नमकीन लेकर आई “आज स्वरा बहुत खुश थी सायद उसे उसका मनपसन्द प्यार मिलने वाला था” आते से चाय रखकर स्वरा बोली अच्छा चलो अब चाय पीते-पीते अपनी कविता सुनाओ।
राहुल बोला यार रहने देते है ना फिर कभी सुना दुंगा वैसे भी पता नहीं अच्छी लिखी है या नहीं मैंने आज तक किसी को सुनाई नहीं ना। पर अब स्वरा कहा मानने वाली थी उसने तो बस जिद पकड़ ली सुनना है तो सुनना है । राहुल भी अब स्वरा कविता सुनाने लगा……..

“हाँ वैसे पराई जो हूँ ! हाँ वैसे पराई जो हूँ पर,
क्या तुम तब भी यही कहती जब मैं तुम्हारी होती
क्या तब भी मेरी ये बातें मुझसे बड़ी होती माँ, 
माना मैं गलत हूँ तो कभी प्यार से समझाओ ना माँ, कभी मुझे भी सीने से लगाओ ना माँ, शायद होऊंगी बदतमीज पर इसका एहसास तो एक बार दिलाओ ना माँ।
मैं तो बच्ची थी ना उसमें मेरा क्या कसूर तुम तो बड़ी थी, सही गलत में फर्क सिखाओ ना माँ,
मैं भी तो तुम्हारी ही हूँ कभी मुझे भी सीने से लगाओ ना माँ ।।”

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राहुल की ये कविता सुन के स्वरा की आंखें भर आई और उसने जैसे ही उसकी नई मां के बारे में पूछा राहुल ने मना कर दिया की फिर कभी बताऊंगा मैं। राहुल जैसे ही उठ के जाने के लिए तैयार हुआ स्वरा रोकते हुए बोली की अभी रुक जाओ बस थोड़ी देर में खाना बना दूंगी तो खा के जाना तबतक आराम कर लो । राहुल की वो कविता सुन कर स्वरा का दिल भर आया था वो बस राहुल को सीने से लगाना चाहती थी पर ऐसा कर नहीं सकी, तबतक राहुल बोला नहीं यार मुझे लेट हो जायेगा अभी भी देखो नौ बज कर पैंतालिश मिनट हो गए रास्ते में कुत्ते भी भौंकते हैं तो स्वरा तपाक से बोल पड़ी कोई बात नहीं यही सो जाना पर बिना खाये जाने नहीं दूंगी और स्वरा बिना कुछ सुने बोलते हुए अन्दर किचन में चली गई की बिना खाए जाना नहीं है। फिर राहुल भी थक गया था और उसे नींद भी आ रही थी फिर इतना लेट वो घर जा-कर कहां खाना बनाता यही सब सोचते हुए वो वही बेड पर लेट गया और उसे कब नींद लग गई पता भी नहीं चला ।
इधर स्वरा भी खाना बनाने के बाद राहुल को सोता देख जान बूझ कर नहीं जगाया की जगाते ही वो खा के चला जायेगा और लेट करने लगी । बस पास में बैठ कर उसे निहारती रही । कुछ देर बाद जब राहुल की आंख खुली तो उसने सबसे पहले समय देखा, अरे ये क्या ग्यारह बज गये और तुमने मुझे जगाया भी नहीं ?

स्वरा ने कहा अरे नहीं मैंने सोचा तुम भी तो थक गए होगे ना इस लिए जगाया नहीं सोने दिया, राहुल तबतक बोल पड़ा,- हां पर अब देखो कितना लेट हो गया है अब घर भी नहीं जा पाऊंगा कहा सोऊंगा स्वरा ने कहा यही सो जाना यार क्या हो गया ! अच्छा चलो जाओ हाथ मुंह धो कर आओ जल्दी से तबतक मैं खाना लगाती हूं और स्वरा ये कहते हुए अन्दर किचन में चली गई और खाना निकाल कर ले आई फिर दोनों बैठ कर खाने लगे आज स्वरा ने अपनी पसन्दीदा पनीर की सब्जी बनाई थी । राहुल को सब्जी खाते हुए अपने बचपन की याद आ गई उसे आज भी याद था उसकी मां बिलकुल ऐसे ही खाना बनाती थी । खाते-खाते राहुल के आंखों में आंसू आ गये जिसे देख कर स्वरा घबरा गई और घबराते हुए बोला क्या हुआ मिर्ची जादे थी क्या ये लो पानी पियो और थोड़ा धीरे-धीरे खाओ यही रहना है आज कही नहीं जाना स्वरा ने मजाक करते हुए बोला जिसे सुन राहुल हल्का सा मुस्कराते हुए बोला अरे नहीं- नहीं वो बस और इतना ही कहते हुए वो फिर से कही खो गया यह देख स्वरा फिरसे बोली क्या हुआ बोलो क्या नहीं बस ! राहुल ने बताया आज उसके हाथ का खाना खाते हुए उसे उसकी मां की याद आ गई वो भी ऐसे ही खाना बनाया करती थी । यह सुन कर स्वरा राहुल के और पास आते हुए उसका हाथ पकड़ कर बोली कोई बात नहीं मैं तुम्हारे लिए रोज ऐसा ही खाना बना दिया करूंगी पर तुम खाओगे कैसे ! अच्छा एक बात बोलूं स्वरा ने राहुल से पूछते हुए कहा इसपर राहुल हलका सा मुसकुराते हुए स्वरा की तरफ देख कर बोला हाँ बोलो अब इसमें पूछने वाली कौन सी बात है । इतना सुनते ही स्वरा तपाक से बोल पड़ी की तुम भी यहीं रह जाओ फिर मेरे हाथ का बना हुआ खाना । इससे पहले की राहुल कुछ बोल पाता स्वरा फिरसे बोल पड़ी नहीं कोई बात नहीं अगर तुम्हें अच्छा नहीं लगा तो मैं तो बस यूं ही मजाक कर रही थी। यह सुन कर राहुल मुसकुराते हुए बोला अरे नहीं बाबा बुरा क्यों लगेगा अभी राहुल इतना ही बोल पाया था की स्वरा की आंखें खुशी से भर आई “शायद वो अन्दर ही अन्दर राहुल को चाहने लगी थी” और वो बोली सच में तुम यहां रहोगे । राहुल उसे समझाते हुए बोला हां रहूंगा|

पर देखो हम अभी आज सुबह ही मिले है और अभी हम एक दूसरे को ठीक से जानते भी नहीं तबतक कैसे ? नहीं अभी साथ रहना ठीक नहीं पहले हम एक-दूसरे के बारे में अच्छे से जान लेंगे फिर साथ रहेंगे यह सुन कर स्वरा थोड़ा सा निराश हुई और समझाने लगी की जबतक हम एक दूसरे के साथ नहीं रहेंगे एक – दूसरे को जानेंगे कैसे हां तुम्ही बताओ बहुत ही भोलेपन से स्वरा ने राहुल से पूछा । यह सुनकर राहुल तो पहले चुप हो गया फिर शायद कुछ सोचने लगा फिर अचानक से बोला अच्छा चलो ठीक है कल देखेंगे अभी रात बहुत हो गई है और कल कालेज भी तो जाना है ना अब सो जाओ मुझे भी नींद आ रही है और इससे पहले की स्वरा कुछ बोलती, इतना बोलते हुए राहुल सोने का नाटक करने लगा। स्वरा भी थोड़ी देर वही बैठने के बाद सोने चली गई पर नींद किसे आनी थी ! स्वरा की पूरी रात बस करवटें बदलते बीतीं, ना जाने आने वाला कल क्या – क्या नया लाने वाला था उसकी जिन्दगी में, और उधर राहुल थोड़ी देर में ही सो गया उसे तो जैसे कुछ हुआ ही नहीं या फिर थके होने के कारण शायद जल्दी सो गया । स्वरा भी सुबह उठ के फ्रेश होने के बाद सबसे पहले राहुल के लिए चाय बनाई, “आज तो स्वरा के चेहरे पर एक अलग ही मुसकान देखने लायक थी” और राहुल के कानों के पास जा धीरे से बोली- राहुल उठो कितना सोते हो सुबह हो गई कालेज नहीं जाना क्या सात बज गए चलो चाय पी लो फटाफट और तैयार हो जाओ राहुल के कानों में जैसे ही आवाज गई वो डर कर अचानक उठा आखिर ये कौन लड़की बोल रही पर जैसे ही स्वरा को अपने पास बैठा देख कर जान मे जान आई और मन मे बोला,- “ओह ये तो स्वरा है मैं भी ना मुझे लगा पता नहीं कहा चला गया कौन आ गया” फिर राहुल मुंह हाथ धुल कर आया और बैठ कर स्वरा के साथ चाय पीने लगा तबतक स्वरा बोल पड़ी अच्छा राहुल फिर तुमने बताया नहीं क्या सोचा ? राहुल हैरानी से स्वरा के तरफ देखते हुए पूछा क्या बताना था ! स्वरा सहम गई और बात बदलते हुए बोला वही की आज कालेज तो जाना है ना कब जाना है और यही कपड़े पहन कर जाओगे ? राहुल ने जवाब देते हुए कहा नहीं यार यहीं बगल में ही थोड़ी दूर पर मैंने रूम

लिया है ना अभी लिया है ना अभी चाय पी कर चेन्ज करके आता हूं । स्वरा ने कहा हां जरूर जल्दी आना तबतक मैं भी तुम्हारे लिए कुछ खाने को बनाती हूं अच्छा करैले की सब्जी खाते हो ना ? इसपर राहुल हिचकते हुए बोला हां क्यों नहीं क्या हुआ तो स्वरा ने बताया नहीं कुछ नहीं ऐसे ही पूछ रही थी वो आज करैले की सब्जी बनाऊंगी ना जाओ तुम जल्दी से तैयार होकर आओ और फिर राहुल हां बोलते हुए चला गया तैयार होने, काफी टाइम हो गया इधर स्वरा भी खाना-वाना बना कर तैयार होके बैठी थी लगभग साढ़े-आठ होने वाले थे और स्वरा सोच ही रही थी की कहा रह गया राहुल मैंने नम्बर भी नहीं लिया पता नहीं टाइम से आएगा या नहीं तबतक दरवाजे पर कोई आता है, दरवाजा खोलने पर स्वरा देखती है ये तो राहुल ही है, स्वरा डांटते हुए बोलती है अरे आओ जल्दी बाहर क्या कर रहे हो और अपना नम्बर दो पहले। राहुल अन्दर आता है और फिर दोनों एक दूसरे को अपना नम्बर देते हैं और फिर दोनों जल्दी-जल्दी नाश्ता करके कालेज जाते हैं । कालेज पहुंच कर स्वरा बोलती है अरे वाह आज तो कालेज जल्दी आ गए शायद आज कोई दोस्त बन जाए तो राहुल बोलता है हां क्यों नहीं और फिर दोनों आगे बढ़ते हैं तब तक कालेज का वही अमीर बाप का बेटा राकी मिलता है और बोलता है ये देखो आज तो दोनों नमूने साथ आए हैं और उसकी इस बेकार सी बात पर उसके सारे दोस्त हंसने लगते हैं। कालेज मे एक और लड़का था विकी जो ये सब दूर से ही देख रहा था वो राहुल के पास आता है और बोलता है हेलो दोस्त मैं विकी हूं और ये सब मेरे दोस्त है फिर वो अपने सारे दोस्तों से मिलवाता है सब बारी-बारी उनसे मिलते हैं,- विनीत, लकी, रितिका, नेहा पूजा, विकाश, कोमल, साक्षी, रमेश, रितिक और वो लोग उनके साथ क्लास मे जाते हैं और वो लोग बाते करते हुए आज का पूरा दिन निकाल देते हैं। “ये सब राकी और उसके दोस्त देख कर चिढ़ रहे थे” स्वरा राहुल के कान में बोलती है सबसे आज पहले ही दिन अच्छी दोस्ती हो गई है ना, मैं तो आज डर ही गई थी पता नहीं क्या होगा पर अब अच्छा लग रहा है और तुम भी तो हो ही ना मेरे साथ तो राहुल बोलता है हां-हां क्यों नहीं मैं तो हमेशा रहूंगा चाहे और कोई रहे या ना रहे।

देखते ही देखते फिरसे छुट्टी का समय हो जाता है तो स्वरा सोच मे पड़ जाती है की आज तो राहुल अपनी बाइक से अपने घर जाएगा और मुझे साइकिल से ही अकेले जाना पड़ेगा यही सोचते हुए स्वरा बाहर साइकिल स्टैंड की तरफ बढ़ती है तो देखती है राहुल पहले से ही अपनी बाइक लिए वहां खड़ा है, उसके पास पहुंच कर स्वरा उपरी मन से पूछती है क्या हुआ गए नहीं तुम, तो राहुल बोलता है नहीं तुम्हें छोड़ कर कैसे जाता तुम भी तो चलोगी आओ बैठो पीछे तो स्वरा अपने साइकिल की तरफ इशारा करके कहती है इसे भी तो ले जाना है ना ! राहुल कहता है यार छोड़ो यही पर इसे फिर कभी ले जाएंगे आओ बैठो तुम जल्दी आज सहर घूमते हैं अभी बहुत टाइम है । स्वरा भी घूमने के नाम पर खुश हो गई । आज तो स्वरा का खूब मस्ती करने का मन था बाइक पर बैठ कर दोनों दूर एक पार्क मे जाते हैं जहां कालेज के भी बहुत सारे बच्चे आया करते थे घूमने ।
दोनों एक दूसरे के साथ समय व्यतीत करके बहुत खुश थे और धीरे-धीरे अंधेरा भी हो रहा था इधर स्वरा राहुल से फिरसे पूछती है,- यार राहुल तुमने बताया कब तक आओगे तो राहुल बोलती है अब तो एक महीने का किराया दे ही दिया है तो अगले महीने से देखते हैं, अच्छा आज तुम मेरे यहां चलो मेरा रूम भी देख लेना। स्वरा पहले तो मना कर देती है पर राहुल के बार-बार जिद करने पर जाने को राजी हो जाती है । अब स्वरा और राहुल दो दिन मे ही ऐसे दोस्त हो गए थे जैसे सदियों से एक दूसरे को जानते थे, स्वरा ने अपने बचपन से लेकर अब तक की सारी बातें बताई की क्या-क्या हुआ कैसे स्कूल मे उसके गांव का ही एक लड़का विनोद उसके पीछे पड़ गया था उसे परेशान करता था वो पढ़ने भी नहीं देता था इतना पागल था की बस अगर कीसी लड़के को मुझसे बात करते हुए देख लेता था तो उसे बहुत मारता था उसके वजह से मेरा कोई दोस्त नहीं बनता था एक बार एक लड़का मेरा दोस्त बना भी तो उसे उसने कालेज के पहली मंजिल से नीचे फेंक दिया उसके हाथ पैर टूट गए उसके बाद तो कोई मेरे पास से गुजरने मे भी डरता था बहुत बड़ा गुंडा था हमेशा मुझे डरा धमका कर रखता था और कहता था तुझसे मैं ही

सादी करूंगा जो कोई भी बीच मे आया उसे जान से मार दूंगा मेरे पीछे-पीछे कालेज जाना वापस आना मुझे परेशान करना और पता है मेरी सहेलियों को भी डरा कर रखता था मैं किससे मिलती हूं कहा जाती हूं क्या करती हूं सारी जानकारी रखता था उसके पापा बहुत बड़े गुंडे थे कई मर्डर किए थे और फिलहाल एक “एम एल ए” के मर्डर के जुल्म मे जेल मे बंद थे और अब वो गुंडागर्दी करता था उसका पूरा परिवार ही गुंडा था उसके सामने कीसी भी टीचर या प्रोफेसर के बोलने की हिम्मत नहीं होती थी जिसे चाहे मार देता पीट देता कभी-कभी तो टीचर को भी मार देता था मुझे हमेशा तेजाब से जलाने की धमकी देता मेरे घर पर भी आ जाता था अपने गुंडो को ले कर पापा को धमकी देता मां को डराता बहुत टार्चर करता था बहुत मुश्किल से बारहवीं की पढ़ाई पूरी की मैंने मुझे रास्ते मे पकड़ लेता था कहीं भी हाथ लगाता था मैं बस घुट-घुट कर जीती थी अगर किसी दिन कालेज ना जाऊं तो घर पर आ जाता था और जबरदस्ती ले कर जाता था गांव मे भी कीसी की बोलने का हिम्मत नहीं होता था एक बार तो जबरदस्ती मुझे उठा कर सादी करने के लिए ले गया था फिर पापा पुलिस की मदत से छुड़ा कर लाए पुलिस की भी हिम्मत नहीं होती थी की उसे कुछ बोल पाए हमारा तो जीना मुश्किल हो गया था कैसे-कैसे करके तो मैं सहर आई पढ़ने पढ़ाई पूरी होते ही पापा किसी सहर के लड़के से ही सादी कर देंगे, फिर कैसे उससे पीछा छुड़ा कर वो यहां पढ़ने आई तो राहुल उसका हाथ पकड़ कर सीने से लगाते हुए कहता है डरो नहीं अब कुछ नहीं होगा मैं हूं ना तो स्वरा बोलती है लगाते पर कब तक आज नहीं तो कल चले ही जाओगे और मेरी पढ़ाई पूरी होने के बाद मैं भी वापस अपने गांव ही चली जाऊंगी सच बताऊं तो मेरा वहां जाने का मन नहीं करता तो राहुल कहता है की नहीं यार कोई कही नहीं जाएगा हम ऐसे ही साथ रहेंगे तुम चिन्ता ना करो और फिर दोनों एक दूसरे का मुंह देख कर हंसने लगते है उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था आखिर इतनी जल्दी एक दूसरे के इतना करीब कैसे आ गए ये क्या हो रहा था उनके साथ कही कोई सपना तो नहीं। आज से पहले तो कभी ऐसा नहीं हुआ फिर आज ऐसा क्यों हो रहा ये कैसा अहसास था जो समझ मे नहीं आ रहा बस जब दोनों एक दूसरे के साथ होते तो एक अलग ही सुकून मिलता और धड़कन बढ़ी तेज हो जाती सांसे भारी और चेहरे पर वो गुलाबी रंग । और जब दूर होते तो बस एक दूसरे के बारे मे ही सोचना कही इसे ही तो प्यार नहीं कहते या फिर दोस्ती मे ऐसा ही होता है , खैर पार्क से निकल कर दोनों एक चाय के टपरी पर जाते हैं और राहुल बोलता है भइया दो चाय देना और स्वरा से पूछता है चाय के साथ क्या लोगी नाॅनवेज खाती हो ! तो स्वरा हलका सा इतराते हुए बोलती है हां क्यों नहीं मैं सब खाती हूं तुम देखो तो …भइया दो एग रोल दे देना स्पाइसी वाला, स्वरा चाय वाले से बोलती है और फिर दोनों बाते करते हुए चाय पीते हैं और रोल खाते है ।
स्वरा बोलती है रोल बहुत टेस्टी है हम यहीं आया करेंगे खाने , अरे ! स्वरा अचानक से घबरा जाती है ये राहुल कहां गया तबतक एक कोने मे स्वरा की नजर जाती है तो देखती है राहुल जैसा ही कोई लड़का सिग्रेट जला रहा है पास जाने पर अरे ये तो वही है तुम फिर शुरू हो गए मना किया था ना स्वरा गुस्से मे बोलती है । तो राहुल बोलता है क्या करूँ यार खुद को रोक ही नहीं पाया तो स्वरा बोलती है अच्छा चलो पी लो पर दिन मे एक से अधिक नहीं पीना वो भी मेरे सामने वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा तो राहुल हंसते हुए बोलता है अरे हां बाबा ठीक है ना बस एक ही तो पिया शान्त हो जाओ नहीं पियूंगा ना । फिर बाइक पर बैठ कर दोनों घर के लिए जाते है तो स्वरा बाइक पर राहुल के थोड़ा और करीब हो कर बैठ जाती है इससे राहु की धड़कने और बढ़ जाती है जो स्वरा को बाइक पर भी साफ-साफ सुनाई दे रही थी ।

स्वरा पूछती है अच्छा ये बताओ आज क्या सुनाओगे और कल भी तुमने पूरी बात नहीं बताई मम्मी को क्या हुआ था तो राहुल बोलता है हां ठीक है घर चल के बताऊंगा । स्वरा बोलती है अच्छा ठीक है मेरे घर के तरफ से लेना मुझे कपड़े भी लेने पड़ेंगे मैं यही कपड़े पहन कर नहीं सो पाती तो राहुल गाड़ी मोड़ कर स्वरा के घर के तरफ से लाता है फिर दोनों राहुल के घर आते है और फ्रेश होते हैं । स्वरा जबतक कपड़े बदलती है तबतक राहुल सोफे पर आरामकर रहा होता है, स्वरा आकर पूछती है अच्छा आज खाने मे क्या खाना है तो राहुल बोलता है आज तो खाने का कुछ मन नहीं है बाहर से ही कुछ मंगा लेंगे यही बगल मे ही दुकान है, स्वरा बोलती है ओह हां ठीक है, अच्छा अब बताओ अपने बारे में तो राहुल बताता है मेरी मां को ब्रेन हैमरेज हो गया था और बताते-बताते रोने लगता है, राहुल बताता है पापा ड्यूटी पर थे और घर पर कोई था नहीं और उसकी आंखों के सामने ही उसकी माँ कैसे दम तोड़ती है, अब स्वरा की भी आंखें भर आई थी फिर राहुल आंसू पोंछते हुए बोलता है आज के बाद कभी मेरी माँ के बारे में ना पूछना मुझे बहुत याद आने लगती है रहा नहीं जाता समझ नहीं आता क्या करूँ बस एक आखिरी बार माँ से मिलने का मन करता है पर मुझे भी पता है अब मिल नहीं सकता ना । स्वरा कुछ कहने ही वाली थी की राहुल फिर बोलता है अब आज मेरा मन नहीं है और बाते करने का, पापा की कविता कल सुनाऊंगा और हां मैंने खाना मंगा दिया है तुम भी खा के सो जाना स्वरा से रहा नहीं जाता और वो रोते हुए बस राहुल को जोर से सीने से लगाती है, राहुल बोलता है अरे क्या हुआ तुम क्यों रो रही तो स्वरा ने कहा नहीं कुछ नहीं तुम सो जाओ और फिर थोड़ी ही देर मे दोनों सो जाते है ।
अगले दिन सुबह फिर से उठ कर वही नहाना धोना फिर राहुल का स्वरा के रूम पर आना नाश्ता करके कालेज जाना रोज राकी से थोड़ी बहुत लड़ाई करना । देखते ही देखते एक महीना भी बीत जाता है और राहुल स्वरा को भी अपने यहाँ ही लेते आता है और दोनों फिर साथ मे ही रह कर पढ़ाई करने लगते हैं। इधर राहुल की लड़ाई रोज राकी से होने के वजह से वो कालेज के ही एक लड़के की मदत से बाहर भी कुछ लड़को से दोस्ती कर लेता है ।
और जैसे-जैसे दिन बीतता गया राहुल की दोस्ती बाहर के लड़कों से और बढ़ती गई, नए-नए दोस्त बनने के वजह से कभी-कभी तो वो स्वरा को भूल ही जाता था फिर भी स्वरा रोज खाना बना कर खिलाती आखिर प्यार जो हो गया था उससे। इधर राहुल का एक नया दोस्त विशाल बनता है जो की बड़े घर की बिगड़ी हुई औलाद है वो राहुल को पब, बार मे ले जाने लगता है और सहर के इस चकाचौंध मे राहुल ऐसे गुम हो जाता है जैसे उसके जीवन मे और कोई है ही नहीं ! स्वरा को तो जैसे भूल ही चुका था बस कालेज आते जाते ही साथ रहते और कभी-कभी तो कालेज भी नहीं आता तभी उसकी मुलाकात विशाल की एक दोस्त माया से हुई जो की देखने मे बहुत सुन्दर थी ऐसा लग रहा था जैसे सीधा स्वर्ग से कोई परी आई है जिसे देख राहुल अपने होश ही खो बैठा ऐसी बला की खूबसूरत लड़की की बस देखते ही रह गया और देखते ही देखते वो लड़की राहुल के पास आकर बोलती है हेलो तुम शायद राहुल हो ये सुन कर राहुल की तो आवाज ही नहीं निकली बस सर हां मे हिलाते हुए कहता है हां तो वो लड़की हाथ मिलाते हुए बोलती है मैं विशाल की दोस्त माया काफी सुना है तुम्हारे बारे मे विशाल से और फिर एक कातिल मुस्कान के साथ बोलती है आज-कल काफी मस्ती करते हो हां ? और यही बोलते हुए दो ड्रिंक आर्डर करती है तबतक राहुल बोलता है अरे नहीं नहीं मैं नहीं पीता ये सब मैं तो बस विशाल के साथ यहां घूमने आ जाया करता हूं तो पी ले यार अब इतने प्यार से कोई पूछ रहा है तो, माया की तरफ इशारा करते हुए बोलता है। अच्छा तुम लोग तबतक बाते करो मैं आता हूं अभी थोड़ी देर में और दूसरी तरफ चला जाता है ।

उस दिन राहुल जिन्दगी मे पहली बार शराब पी रहा था और दो-तीन पैग मे ही उसे चढ़ जाती है और फिर माया उसे डान्स फ्लोर पर ले जाती है और राहुल का हाथ अपने कमर पर रख कर उसके गले मे बाहें डाल डान्स करने लगती है राहुल को भी उस समय ये सब बहुत अच्छा लग रहा था वो बस माया को अपनी बांहों मे लेकर चूमना चाहता था उसकी खूबसूरती और बोल्ड अदाओं के सामने राहुल एक पल ना टिक सका । थोड़ी ही देर मे विशाल अपना ड्रिंक खतम करके वापस आता है और बिल पे करने के बाद तीनों बाहर आते है और माया विशाल से बोलती है काफी अच्छा है तुम्हारा दोस्त मुझे तो बिलकुल भी अहसास नहीं हुआ की हम पहली बार मिल रहे हैं फिर माया राहुल को गले लगा कर और गाल पर मीठी सी पप्पी दे कर बोलती है अच्छा तो गुड नाइट डिअर मैं चलती हूं कल मिलते है माया के गले लगने के बाद तो राहुल इतना उत्तेजित हो गया था की उसे कुछ समझ मे नहीं आ रहा था वो बस उसी पल मे खो गया तबतक विशाल पीछे से बोलता है अरे छोड़ दो उसे घर भी तो जाना है ना चलो तुम्हें घर छोड़ देता हूं तुमने भी आज पहली बार पिया है ना आज होश मे नहीं लग रहे और फिर विशाल राहुल को उसके घर छोड़ कर चला जाता है जहां स्वरा पहले से ही उसका इंतजार कर रही होती है रात के ग्यारह बज चुके हैं और स्वरा अब तक बिना खाए राहुल के आने का इंतजार कर रही होती है जो अब आया राहुल जैसे ही घर के अन्दर घुसता है तो स्वरा बस उसके मुंह के बदबू से सन रह जाती है तभी अचानक से राहुल बोलता है तुम सोई नहीं अब तक मुझे तो लगा की सो गई होगी तो स्वरा हलका सा गुस्सा दिखाते हुए बोलती है तुमने पीना कबसे सुरू कर दिया तो राहुल बोलता है नहीं तो मैं कहा पीता हूं स्वरा फिरसे डाटते हुए बोलती है झूठ मत बोलो जाओ पहले हाथ मुंह धोलो मैं खाना लगाती हूं तो राहुल बोलता है नहीं आज भूख नहीं है आज दोस्तों के साथ ही खा लिआ था अब मैं सोने जा रहा हूं तुम भी सो जाओ ये कहते हुए राहुल कमरे की तरफ सोने चला जाता है ।

स्वरा सोचने लगती है पिछले कुछ महीनों मे ही राहुल कितना बदल गया है मुझसे खाने को भी नहीं पूछा और आंखें नम करके थोड़ा सा खाना खा कर सोने जाते वक्त देखती है राहुल ऐसे ही सोफे पर सो गया है बहुत कोशिश करने के बाद भी जब राहुल नहीं उठा तो उसे वही चादर उढ़ा कर माथे पर एक मीठा सा किश देते हुए सोने चली जाती है । राहुल तो जैसे सराब और सवाब का आदि हो गया था वो कालेज कम और बाहर ही अपने रईस दोस्तों के साथ जादे रहता था । स्वरा कई बार समझाने की कोशिश करती है पर वो सुने तब तो ।
एक सुबह रोज की तरह जब स्वरा और राहुल चाय पी कर नाश्ता वगैरा कर के कालेज जाते है और हमेशा की तरह राहुल आज भी कालेज से वापस आकर साम को माया और विशाल से मिलने जाता है ।
रोज की तरह आज भी माया बहुत खूबसूरत लग रही थी और राहुल की निगाहें बस उसी को देख रही थी पार्टी वगैरा करके वापस आते वक्त माया बोलती है अच्छा राहुल कल फ्री हो ना तो राहुल बोलता हां क्यों नहीं मैं तो रोज ही फ्री होता हूं । तो फिर कल दस बजे तक तैयार रहना हम घूमने जा रहे हैं तो तुम भी ज्वाइन कर लेना अरे विशाल तुमने इसे बताया नहीं था माया ने आंख मारते हुए विशाल से कहा विशाल बोलता है औह सोरी यार मैं भूल गया था हां राहुल कल आओगे ना ?

राहुल पहले तो सोचता है की उसकी दोस्त स्वरा को भी साथ ले ले उसके बिना आज तक वो कही घूमने नहीं गया पर माया के सम्मोहन मे आ कर वो कुछ बोल नहीं पाता और तैयार हो जाता है फिर सब एक दूसरे को गुड नाइट विस करके अपने-अपने घर चले जाते है । अगले दिन सुबह जब स्वरा चाय नाश्ता के बाद राहुल से कालेज के लिए तैयार होने को बोलती है तो राहुल मना कर देता है की आज तुम अकेले जाओ मुझे कुछ दोस्तों के साथ बाहर जाना है एक दो दिन मे आ जाऊंगा जब तक स्वरा आगे कुछ बोल पाती राहुल तौलिया लेके नहाने के लिए चला जाता है। स्वरा और करती भी क्या राहुल के इस बदले अन्दाज से स्वरा बिलकुल टूटती जा रही थी पर स्वरा को इसमें भी कही ना कही अपनी ही गलती दिख रही थी की राहुल के साथ वो इस तरह से मस्ती नहीं कर सकती जैसे बाकी लोग कर रहे थे लेट नाइट पार्टी पब बार जाना स्वरा बस आंखें नम करके राहुल से बोलती है ,- बाय राहुल मैं कालेज जा रही हूं तुम भी आराम से जाना और अपना ध्यान रखना तो राहुल प्यार से बोलता है हां-हां तुम भी अपना ध्यान रखना मैं बस दो दिन मे आ जाऊंगा तुम चिंता ना करो और बस स्वरा कालेज के लिए निकल जाती है थोड़ी ही देर मे दस बज जाता है और राहुल माया के बताए हुए जगह पर पहुंच जाता है थोड़ी ही देर मे राहुल के पास एक कार आकर रुकती है दरवाजा खुलते ही राहुल देखता है की उसमें तो बस माया है वो माया से पूछता है तुम अकेले आई हो और बाकी लोग कहा है तो माया बोलती है कोई नहीं आया यार सबने मना कर दिया तुम भी चाहो तो वापस जा सकते हो तो राहुल बोलता है अरे नहीं-नहीं मैं तो बस पूछ राहा था । माया बोलती है तो जल्दी बैठो राहुल बैठते हुए पूछता है वैसे हम कहां जा रहे है तो माया बोलती है हम टाउन हिल जा रहे है जोकी कपल्स के लिए सहर की सबसे खूबसूरत जगह थी ।

साम होते-होते दोनों टाउन हिल पहुंच जाते हैं और माया एक फाइफ स्टार होटल मे कमरा बुक करती है आज हम यही रुकेंगे और आराम करके कल हम यहां की खूबसूरती देखने निकलेंगे। दोनों थोड़ी देर आराम करते है तब तक माया नाइट ड्रेश पहन कर आती है जिसमें वो बहुत जादे खूबसूरत लग रही होती है और आकर राहुल के बगल मे ही लेट जाती है। उसकी सांसो की गरमी राहुल को बेचैन करने लगती है फिर राहुल उठ कर तौलिया लेते हुए नहाने चला जाता है और जब तक नहा कर आता है तब तक देखता है की माया विश्की के दो पैग बना कर टेबल पर रख चुकी थी जैसे ही राहुल तौलिया रख कर आता है तो माया बोलती है चलो इसे पी लो इससे रिलैक्स फील होगा और राहुल को विश्की के दो तीन पैक पिलाती है और मौका देख कर राहुल के बेहद करीब आ जाती है इतने करीब की अब फिर से माया की गरम सांसे राहुल को उत्तेजित करने लगती हैं और राहुल की बढ़ी हुई धड़कनो की आवाज माया को साफ-साफ सुनाई दे रही होती है माया राहुल के गले लग कर खड़ी हो जाती है इससे पहले की राहुल कुछ बोल पाता माया एक झटके मे राहुल को बेड पर गिरा देती है । वो रात दोनों बस एक दूसरे के साथ हम-बिस्तर होके प्यार करते हुए बिता देते हैं राहुल को भी ऐसा लग रहा था जैसे भगवान ने बस माया को उसी के लिए बनाया हो । अब राहुल भी बस उसी मे डूबे रहना चाहता था और एक दूसरे के साथ अठखेलियां करते हुए कैसे तीन दिन बीत गए किसी को पता ही नहीं चला ।
इधर कालेज मे स्वरा को विक्की और उसके दोस्तों से पता चलता है की विशाल जो की राकी का ही दोस्त है दोनों मिल कर स्वरा और राहुल को अलग करने की साजिश किए हैं और राहुल और कोई नहीं बलकी राकी की ही दोस्त माया के साथ गया हुआ है ये सब जान कर स्वरा बहुत अपसेट होती है और खुद को घर मे बंद करके बहुत रोती है और बाहर नहीं निकलती है शायद स्वरा को राहुल से ऐसा प्यार हो गया था की अब उसके जीते जी तो अलग होना सम्भव नहीं था । स्वरा इन तीन दिनों मे कई बार राहुल का फोन ट्राई करती है पर हमेशा नाट रीचेबल ही आता है, उसे क्या पता था की माया ने जान बूझ कर दोनों का फोन स्विच आफ कर दिया था ताकी कोई डिस्टर्ब ना करे और किसी को पता ना चल सके की वो कहा है क्या कर रहे है राहुल अब पूरी तरह से माया के प्रेम जाल मे फंस चुका था जिससे बाहर निकालना बहुत मुश्किल था ।

जब राहुल वापस आता है तो स्वरा उसे बताती है की कैसे राकी और राहुल ने मिल कर ये सब प्लान बनाया है स्वरा की बात सुन कर राहुल मानने से इनकार देता है और स्वरा को डांटते हुए कहता है तुम्हें जादे पता है विकाश के बारे मे तुम इतना जलती क्यों हो वो मेरा दोस्त है धोखा देना तो दूर मुझसे कभी झूठ भी नहीं बोलता । राहुल के डांटने से स्वरा रोने लगती है और रोते हुए कमरे मे जा के लेट जाती है यह सब राहुल से देखा नहीं जाता और वो स्वरा के पास जाकर उसे सीने से लगा कर मनाते हुए कहता है यार सोरी ना मैं तुम्हें डाटना नहीं चाहता हूं कभी पर तुम ही तो गुस्सा दिला देती हो विकाश अच्छा लड़का है और मेरा दोस्त भी है । अब तुम मुझे नहीं समझोगी तो कौन समझेगा आखिर तुम्हारे शिवा मेरा यहां है ही कौन अब सांत हो जाओ, अच्छा आज कालेज क्यों नहीं गई हां राहुल प्यार दिखाते हुए पूछता है तो स्वरा आंसू पोंछते हुए लड़खड़ाती आवाज में कहती है तुम नहीं थे चले गए थे तो मेरा बिलकुल भी मन नहीं लग रहा था और तुम्हारा फोन भी नहीं लग रहा था फिर स्वरा बताती है की कैसे राकी और उसके दोस्त मेरा मजाक उड़ा रहे थे गंदे-गंदे कमेंट कर रहे थे मेरा और तुम्हारा नाजायज रिश्ता बोल कर मजाक उड़ा रहे थे की अब तुम मुझे छोड़ कर चले गए। और स्वरा ये सब बताते-बताते और जोर से रोने लगती है राहुल फिर से सीने से लगा कर प्यार से पुचकारते हुए उसे मनाता है और बोलता है तुम टेंसन ना लो कल सबक सिखाऊंगा उस राकी के बच्चे को। स्वरा रोते हुए अपना सर हिलाती है और बस राहुल के सीने से चिपके होती है पता नहीं क्यों शायद इतने दिनों बाद मिलने से या जैसे भी उसे राहुल के साथ बहुत सुकून मिल राहा था वो बस ऐसे ही जिंदगी भर उसके सीने से लगे रहना चाहती थी ।

स्वरा उस दिन सोफे पर राहुल के सीने से लग कर बस बोलते ही जा रही थी,- पता है जब तुम्हारा काल नहीं लगता था मुझे नींद भी नहीं आती थी बस यही सोचते रही थी की पता नहीं कहा हो कैसे हो और इतना बोलते-बोलते राहुल को मारते हुए कहती है और तुमने एक बार भी बात करना जरूरी नहीं समझा । बस राहुल भी उसे मनाते हसाते हुए गुदगुदाने लगता है और ऐसे ही एक दूसरे से बाते करते-करते साम हो जाती है फिर राहुल बोलता है अच्छा चलो आज वहीं चाय की टपरी पर चाय पीते है जहां हमने पहली बार साथ मे चाय पिया था याद है या भूल गई उसी दिन हम पहली बार मिले भी थे तो स्वरा मदभरी निगाहों से देख कर मुसकुराते हुए कहती है मुझे तो डेट और टाइम भी याद है चलो चलते हैं ।

वहां पहुंच कर फिरसे पुरानी यादें ताजा करते हुए स्वरा और राहुल चाय पीते हैं फिर राहुल बोलता है अच्छा चलो आज कहीं बाहर खायेंगे और दोनों होटल मे खाते हैं । एक बार फिर से स्वरा को लगा की उसका पुराना राहुल वापस मिल गया और वो उसी दिन की तरह राहुल से चिपक कर बैठ जाती है जिससे राहुल की दिल की आवाज उसे साफ-साफ सुनाई दे । घर जाते वक्त स्वरा फिर से पूछती है अच्छा तुम्हें शायरियों का शौक था ना कुछ सुनाओ ना अच्छा सा तो राहुल बोलता है अच्छा तुम्ही बताओ कैसी सुनाऊँ ये सुनते ही स्वरा तपाक से बोल पड़ती है मुझपर सुनाओ जिसे सुन कर राहुल हंसने लगता है और स्वरा सरमाते हुए उसके पीठ पर प्यार से मुक्कों की बरसात करते हुए कहती है की तुम्ही सुनाओ ना कैसी भी फिर मुझसे क्यों पूछा राहुल हंसते हुए बोलता है अच्छा बाबा ठीक है शान्त इसमें इतना सरमानें वाली कौन सी बात है ये लो…

इतना वक्त जो गुजार दिया है तूमने खुद को संवारने में,
बस दिल करता है अब सारा वक्त गुजार दूँ तुझे निहारने में ।।

ये सुन कर स्वरा बाहर से नखरे दिखाते हुए कहती है हहहहह, झूठ तो राहुल बोलता है अरे सच्ची बाबा अच्छा एक और सुन लो

कुछ चीझों पर बस अधिकार तुम्हारा है ,
कुछ चीझों पर बस अधिकार तुम्हारा है ,
ये जिस्म तो मेरी है पर ये जान तुम्हारी है ।।

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स्वरा भौंहें सिकोड़ते हुए कहती है अच्छा-अच्छा मैं सब जानतीं हूं झूठ मत बोलो और अगले ही पल उदास होते हुए कहती है की अगर इतनी ही परवाह होती तो तुम मुझे छोड़ कर कहीं नहीं जाते राहुल बोलता है अच्छा ठीक है सोरी ना बाबा अब कहीं भी जाऊंगा तो साम तक वापस आ जाऊंगा नहीं तो तुम भी साथ चलना तबतक घर आ जाता है और दोनों मुंह हाथ धुल कर फ्रेश हो के चाय ले कर बैठते है, स्वरा पूछती है अच्छा मैं तुम्हें कैसी लगती हूं तो राहुल बोलता है यार ये कैसा सवाल है अच्छी लगती हो हम अच्छे दोस्त हैं एक दूसरे को समझते हैं और साथ ही रहते हैं पर यूँ अचानक क्या हो गया तुम्हें ऐसे क्यों पूछ रही तो स्वरा बोलती है नहीं कुछ नहीं बस यूं ही दिल किया तो पूछ लिया, अच्छा कल कालेज जाना है यार तुम ऐसे ना घूमा करो मेरा मन नहीं लगता और मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता अगर आज तुम जाओगे तो मैं भी साथ चलूंगी तो राहुल तेज आवाज में बोलता है हद है यार फिर से मतलब, क्या हो गया अगर थोड़ा सा घूम लिया मौज मस्ती कर ली दोस्तों के साथ तो स्वरा मनाते हुए बोलती है नहीं कोई दिक्कत नहीं पर विशाल से मत मिला करो वो अच्छा लड़का नहीं और वो बस बदला लेने के लिए आया है बताया था ना राकी ने सब किया है तो राहुल झल्लाते हुए कहता है बस जब तुम्हें नहीं पता तो मुझे मत सिखाओ स्वरा नहीं मानती और बोलती है तुम्हें यकीन नहीं ना कल कालेज मे ही पता कर लेना कप लाओ मैं धो के आती हूँ और स्वरा हाथ मे कप ले कर रसोई-घर मे चली जाती है और थोड़ी ही देर मे फिर वापस आकर राहुल के पास बैठ जाती है तो राहुल कहता है देखो यार आज मैं थक गया हूं और सर भी दर्द कर रहा है तो… राहुल अभी आगे बोल ही रहा होता है की स्वरा बीच मे बोलती है लाओ सर दबा देती हूं तो राहुल

मना करते हुए कहता है नहीं-नहीं रहने दो तुम भी तो थक ही गई होगी स्वरा कुछ नहीं सुनती और बस राहुल का सर अपने गोद में रख कर प्यार से सर दबाने लगती है सर राहुल को भी स्वरा की गोद मे बहुत अच्छा लग रहा था एक बार फिर से वही अहसास जग रहे थे जो पहले दिन जगे थे राहुल बस स्वरा के चेहरे को निहार रहा था जिससे स्वरा की भी धड़कने बढ़ने लगती हैं दोनों उस पल मे इतना बहक जाते है की बस एक दूसरे को एक टक निहारते-निहारते कब इतना करीब आ जाते है कीसी को पता ही नहीं चलता स्वरा की सांसो की गर्मी राहुल को और राहुल की स्वरा को बस परेशान किए जा रही थी दिल मचले जा रहा था और सांसे और भारी बस आंखें बंद करके एक दूसरे के होंठ से होंठ लगा कर जैसे ही बहकने वाले थे की स्वरा अपने आप को सँभालते हुए अचानक से थोड़ा सा हट जाती है फिर राहुल को भी इसका अहसास होता है और अगले कुछ पलो तक दोनों बिलकुल सांत एक दूसरे को बस चुप-चाप देखते रहते है ।
राहुल माहौल को बदलते हुए कहता है अच्छा उस दिन मैंने अपनी लेख नहीं सुनाई थी ना पापा पर जो लिखा था तो स्वरा भी बोलती है हां आज सुनाओ ना क्या लिखा था ।
राहुल बोलता है सैनिकों पर है जब कोई सैनिक सहीद हो कर तिरंगे मे लिपटे वापस आता है तो अपनी मां को सुधबुध खोते देख एक छोटा सा बच्चा कैसे उसे मनाता है

पापा होते तो जाते क्या मुंह मोड़ कर
यूँ हमको अकेले राहों में तन्हा छोड़ कर ।
बताओ ना माँ
जाने से पहले एक बार तो ख्याल आया ही होगा ना माँ कि
यूं हमको अकेले राहो मे तन्हा छोड़ कर
जा रहा हूँ किसके भरोसे मुंह मोड़ कर ।
तकलीफ तो उनको भी हुई होगी माँ
दर्द तो उनको भी हुआ ही होगा ना माँ ।
जब गोलियाँ लगी होंगी सीने में पापा के
एक आखिरी बार हमारी याद तो आई होगी ना माँ ।
माँ अब तू तो ऐसे खामोश ना हो
यूं पापा को देख कर बेहोश ना हो ।।

स्वरा की आंखें एक बार फिर से नम होती है और वो पूछती है कहां से आते हैं ऐसे खयाल दिल मे इतना अच्छा लिखते हो बस ऐसा लगता है वहां मैं ही मौजूद होती हूं राहुल बोलता है बस यूं ही लिख लेता हूं अच्छा अब रात भी बहुत हो गई है सो जाओ कल कालेज भी तो जाना है और फिर दोनों सो जाते हैं ।
सुबह उठ कर स्वरा और राहुल तैयार हो कर कालेज जाते हैं, रास्ते मे ही विशाल का फोन आता है की कहा हो यार कई दिन हो गए मिले और माया भी मिलने को बोल रही थी तो राहुल बोलता है हां-हां ठीक है साम को देखते हैं स्वरा पूछती है कौन था तो राहुल बोलता है कोई नहीं एक दोस्त था स्वरा सब जान कर भी चुप-चाप बैठी रहती है आखिर किस अधिकार से वो राहुल को रोकती ! दोनों कालेज पहुंचते है और राहुल को गेट के पास ही राकी दिख जाता है जब वो पूछता है की क्यों वो स्वरा को परेशान कर रहा था तो राकी बोलता है करूंगा तेरे बाप का क्या जाता है क्या लगती है वो तेरी जा जाकर मां के पल्लू मे छिप जा ये सब सुन कर राहुल को बहुत गुस्सा आता है और वो राकी से लड़ाई करके उसे बहुत मारता है जिससे राकी का सर फट जाता है बहुत मुश्किल से विक्की और उसके दोस्त लड़ाई छुड़ाते है वरना आज तो बस राहुल के सर पर खून सवार था स्वरा तो राहुल को ऐसे देख कर बिलकुल डर जाती है । इधर राहुल को 10 दिन के लिए कालेज से सस्पेंड कर दिया जाता है । कालेज से बाहर जाते वक्त इतना सब होने के बाद भी अभी राकी राहुल का मजाक उड़ाता है,- हीरो तो दस दिन नहीं आ पाएगा अब हिरोइन को कौन बचाएगा ये सब सुन कर राहुल को फिरसे गुस्सा आता है और वहीं गेट के बाहर फिर राकी को बहुत मारता है जिससे राकी का एक हाथ भी टूट जाता है राकी के दोस्त जबतक आते है तबतक राहुल के भी दोस्त आ जाते है और फिर से दोनों को अलग करते हैं अब राहुल स्वरा से बोलता है चलो घर चलते हैं और दोनों घर जाते है स्वरा ये सब देख कर बहुत डर गई थी और खुश भी थी की शायद राहुल भी प्यार करता है वरना इतने बुरी तरह से वो राकी को नहीं मारता मुझे परेशान करने के लिए । घर पहुंच कर स्वरा राहुल से बोलती है चाय पियोगे ना या अभी नहीं तो राहुल कहता है अभी नहीं अभी बाहर जा रहा हूं साम को आऊंगा तो पीऊंगा । और राहुल बाहर निकल जाता है आज स्वरा भी आटो से राहुल की जासूसी करने निकल जाती है । राहुल की बाइक वहीं पब के बाहर जा कर रुकती है और स्वरा भी आटो रुकवा कर वही छुपते हुए उतर जाती है । उधर जब विशाल को राकी के बारे में पता चलता है तो वो राहुल से बदला लेने की तैयारी करता है आज तो राहुल नहीं बचने वाला है और अपने दोस्तों को फोन करके अपने फार्म हाउस पर बुलाता है जहां माया राहुल को ले जाने वाली होती है इधर इन बातों से अनजान राहुल अन्दर जा कर विशाल से मिलता है विशाल का तो बस दिल कर रहा था की वहीं उसका गला दबा कर मार दे पर उतने लोगों के सामने कैसे मारता बस गुस्से को काबू मे करके खुश होने की एक्टिंग करते हुए गले मिल कर कहता है औह उस दिन तो बहुत मजे किए हां मुझे सब पता चाला तो राहुल मुस्कराते हुए कहता है अरे नहीं-नहीं यार तबतक विशाल बोलता है अरे रहने दे सब जानता हूं मैं तू क्या समझा तू नहीं बताएगा तो पता नहीं चलेगा और दोनों बाते करते हुए ड्रिंक करते है तबतक प्लान के हिसाब से माया आती है बाहर से ये सब स्वरा देख रही थी और माया को अन्दर जाते हुए देख कर उससे रहा नहीं जाता और वो भी अन्दर चली जाती है । जब वो माया को ऐसे मुसकुराते हुए राहुल से चिपकते हुए देखती है तो बस उसका खून करने का दिल करता है पर कैसे भी खुद को शान्त करती है। बाते करते हुए जब-जब माया राहुल को छूती थी तो स्वरा का तो बस खून खौल जाता था बाते करते-करते थोड़ी ही देर मे ड्रिंक खतम करके जब केवल माया और राहुल बाहर निकलने लगे तो स्वरा भी बाहर आई राहुल बिलकुल होश मे नहीं लग रहा था माया उसे पकड़ कर अपने कार मे बिठाती है तो स्वरा भी आटो वाले से उसका पीछा करने को बोलती है गाड़ी जाकर एक फार्म हाउस पर रुकती है स्वरा को कुछ गुंडे जैसे लोग दिखते है तो वो काॅल कर के विक्की को बताती है तबतक इधर माया राहुल को अंदर ले जाती है और दरवाजा बंद करके फिरसे राहुल से चिपक कर उसे किस करने लगती है ये सब देख कर स्वरा को बस उसका खून करने का दिल करता है पर कुछ कर नहीं सकती थी बस देखने के सिवा इधर इन सब बातों से अनजान राहुल भी माया की गरम सांसो से उत्तेजित होने लगता है और माया राहुल को बेड पर धक्का दे कर उन गुंडो को इशारा करती है ये सब देख कर स्वरा एकदम डर जाती है और फिर से विक्की को फोन करती है हेलो विक्की कहां पहुंचे जल्दी आ जाओ मुझे बहुत डर लग रहा है यहां बहुत लोग हैं तो विक्की बोलता है हम बस पांच मिनट में पहुंचने वाले हैं इधर तब तक विशाल के गुंडे घर मे आ चुके थे, माया को इशारा करके वहां से हटने को बोलते हैं और बस राहुल जब तक कुछ समझ और कर पाता उसपर चारों तरफ से लात घूंसे और डंडे की बरसात होने लगती है ये सब देख कर स्वरा से रहा नहीं जाता और वो सामने आ जाती है राहुल को बचाने के लिए पर विशाल के गुंडे और माया उसे पकड़ लते है राहुल वहीं अधमरा सा सब देख रहा होता है तब तक माया विशाल को फोन करके कहती है हेलो विशाल तुम्हारे भाई के दुश्मन की माशूका भी हमारे कब्जे में है बताओ इसका क्या करना है तो विशाल बोलता है बस उसे पकड़ कर रखना आज तो इन दोनों को सबक सिखाएंगे इसका तो विडियो बनाएंगे स्वरा बस पैर पर गिरते रहती है की राहुल को जाने दो वरना वो मर जाएगा और बहुत रो रही होती है ये सब बस राहुल देख कर भी कुछ नहीं कर सकता है तब तक उन गुंडों मे से ही मुख्य गुंडा आगे आता है स्वरा को पकड़ कर इधर उधर हाथ लगाने लगता है बकी सब हंस रहे होते हैं स्वरा का पहले दुपट्टा छीनता है “राहुल की आंखों से बस आंसू गिर रहे थे” फिर उसे जगह-जगह से छू कर नोचते हैं और सूट फाड़ देते हैं अब स्वरा अर्ध नग्न अवस्था में थी और बस दुआ कर रही थी की विशाल पहुंच जाए । जैसे ही वो गुंडा स्वरा को अपनी बांहों मे लेके कर बलात्कार करने की कोशिश करता है तभी

एक गाड़ी वहां रुकती है और राहुल के दोस्त चिल्लाते हुए अन्दर आते है तबतक वो गुंडे वहां से भाग चुके थे अब विक्की स्वरा और राहुल को कार में बिठा कर हास्पीटल ले जाता है तबतक राहुल बेहोश हो जाता है राहुल को बहुत चोट आई होती है डाक्टर बोलता है फ्रैक्चर तो नहीं हुआ है पर खून जादे बहने के वजह से इन्हें खून की जरूरत है तो विक्की अपना खून देता है। जब राहुल को होश आता है तो देखता है उसके बगल मे स्वरा बैठी है और सुबह का समय होता है राहुल समझ जाता है उसे यहां एक दिन से जादे हो गए है वो स्वरा से पूछता है की मैं कबसे बेहोश था तो स्वरा बताती है दो दिन हो गए अब तुम ठीक हो । डाक्टर आता है और फिर स्वरा का साइन करा कर राहुल को घर ले जाने की अनुमति देता है राहुल झांक कर उसमें देख लेता है की स्वरा ने उसमें राहुल और उसका रिश्ता पति-पत्नी का लिखा होता है । दोनों घर पहुंचते है फिर सारे दोस्त धीरे-धीरे करके राहुल से मिल कर अपने-अपने घर जाते है फिर थोड़े देर बाद विक्की भी राहुल से मिलकर ख्याल रखने को कहता है और फिर कल आने को कहते हुए घर चला जाता है । विक्की के जाने के बाद राहुल बस स्वरा की आंखों मे देख कर रोने लगता है ऐसे तो कोई बच्चा रोता हो और स्वरा से कहता है,- स्वरा मुझे माफ कर देना मैंने बहुत दिल दुखाया है । स्वरा राहुल का सर गोद में चुप सर सहलाते हुए उसे चुप कराती है और कहती है पागल हो कैसी बाते कर रहे कुछ नहीं हुआ और बस माथे पर पप्पी देकर टांग खींचते हुए कहती है अच्छा ये बताओ की दर्द कहां-कहां हो रहा है कहां-कहां पड़ी फिर सीने पर हाथ रखते हुए कहती है यहां ! तो राहुल भी स्वरा को डराते हुए कराहने लगता है, स्वरा सोरी-सोरी मैंने जान बूझ कर नहीं किया तो राहुल हंसने लगता राहुल को हंसते देख स्वरा भी हंसने लगती है राहुल दवा वगैरा खा कर स्वरा की गोद मे ही सो जाता है स्वरा भी वही बेड पर राहुल के बगल मे ही सो जाती है।
थोड़े ही दिन मे राहुल ठीक हो जाता है और कालेज भी जाने लगते हैं दोनों । अब तो पूरे कालेज में राहुल और स्वरा की ही प्यार की कहानी फैली हुई थी पर इस बात से दोनों अनजान थे देखते ही देखते परीक्षा का दिन भी आ जाता है सारे बच्चे पहले साल के परीक्षा के बाद अपने-अपने घर जाने लगते है इधर स्वरा और राहुल के घर वाले भी बुलाने लगते हैं तो दोनों अगले दिन घर जाने का प्लान बनाते हैं । स्वरा बस राहुल से दूर नहीं जाना चाहती थी पर उसे कुछ बता भी नहीं पा रही थी अब तो शायद राहुल को भी स्वरा से प्यार हो गया था पर वो भी खामोश था । आज की रात और लम्बी होने वाली थी बस बाते करते-करते दस बज जाता है पर नींद किसी को नहीं आ रही थी थोड़े देर और बाते करते-करते राहुल फिर से स्वरा की गोद मे सो जाता है तो स्वरा पूछती है अच्छा मेरी गोद मे ऐसा क्या है जो जब मन तब लेट जाते हो तो राहुल बोलता है,- हां पता नहीं सायद पर जब मैं तुम्हारी गोद मे सोता हूं तो एक अलग ही सुकून का अहसास होता है पहले कभी ऐसा अहसास नहीं हुआ ना सायद मां नहीं थी तो किसके गोद मे सर रख कर सोता कौन सर सहलाते हुए प्यार से गोद में सुलाता, स्वरा एक बार फिर से राहुल की ऐसी बाते सुन कर इमोशनल हो जाती है और कहती है मैं हूं ना , ये देख कर राहुल बोलता है,- और जब तुम मिली तो तुम्हारे गोद मे भी मुझे एक अलग ही प्यार का अहसास होता है स्वरा बोलती है तुम्हारी बातें सुन कर मन करता है बस तुम्हें कस के सीने से लगा लूं और बस स्वरा चुप हो जाती है राहुल बोलता है बस क्या आगे बोलो पर स्वरा कुछ नहीं बोलती राहुल स्वरा का हाथ पकड़ कर अपने पास ही लिटा कर सीने से लगाते हुए कहता है हां अब लगा लो दोनों एक दूसरे के इतने करीब स्वरा की धड़कने भी बढ़ने लगती है और स्वरा को राहुल के जिस्म की गरमी भी परेशान किए जा रहीं थी बस दिल कर रहा था की उसे चूमते रहे पर अपनी भावनाओं को काबू करते हुए बस सांत रहती है इधर राहुल की भी सांसे चढ़ी हुई और धड़कन बढ़ी हुई थी । बस खामोशी मे दस मिनट गुजर गए थे फिर जैसे ही राहुल कुछ बोलने वाला होता है तब तक स्वरा उसके होंठों पर उगली रखते हुए कहती है सससससस बस चुप रहो राहुल भी उसी पल एक दूसरे में खो जाना चाहता है एक दूसरे से लिपट कर लेटे हुए बहुत देर हो चुकी थी और दोनों को अपने आप पर काबू करना बहुत मुश्किल हो रहा था कई बार आपस में होंठ टकराए और बस दिल मचल कर रह जाता पर कहीं ना कहीं दोस्ती की मर्यादा बीच मे आ रही थी धड़कने और तेज सांसे और भारी बस बार-बार होंठ आपस मे टकरा रहे थे और खुद को काबू करना मुश्किल हो रहा था बस आंखें बंद और एक दूसरे की जिस्म की गरमी इतनी जाते बढ़ गई थी की बस सायद अब खुद को रोक पाना मुश्किल था । जैसे ही राहुल कि होंठ स्वरा के होंठों के करीब आता है स्वरा की आंखें बन्द हो जाती है और बस वो एक दूसरे को चूमने लगते हैं, स्वरा के लिए तो ये अहसास पहली बार था वो चाह कर भी खुद को दूर नहीं कर पा रही थी इतनी मदहोशी एक दूसरे को चूमते हुए स्वरा जैसे ही आगे बढ़ती है राहुल को अचानक से कुछ होता है और स्वरा को रोकते हुए कहता है स्वरा नहीं अभी ये ठीक नहीं स्वरा भी अचानक होश मे आती है और बस अब ना ही वो एक दूसरे को छोड़ कर अलग जा सकते थे और ना ही आगे बढ़ सकते थे बस खामोशी और धड़कन की आवाज के साथ गरम साँसे पूरी रात बस एक दूसरे के सीने मे ही गुजरने वाली थी । आखिर कल एक महीने के लिए अलग भी होना था समय बीतता है और रात के तीन बजे के लगभग राहुल सो जाता है पर स्वरा अपनी पूरी रात बस राहुल को निहारते हुए गुजार देती है कभी पलकें झपकती देखते ही देखते सुबह हो जाती है स्वरा फ्रेश हो कर चाय बना कर राहुल को जगाते हुए जम्हाई लेते हुए बैठती है और रात भर जगी होने के कारण सो जाती है जब राहुल जगता है तो स्वरा के गाल पर किस करते हुए जगाता है,- स्वरा उठो चाय पी लो रात मे सोई नहीं थी क्या स्वरा हड़बड़ाते हुए जवाब देती है नहीं तो सोई तो थी क्यों क्या हुआ राहुल कहता है कुछ नहीं ये चाय तो पी लो दस बज गए हैं और राहुल स्वरा को पकड़ कर उठाता है फिर दोनों चाय नाश्ता कर के जाने की तैयारी करते है राहुल कहता है चलो मैं तुम्हें तुम्हारे गांव तक छोड़ देता हूं तो स्वरा खुश हो कर कहती है सच्ची और राहुल को गले से लगा लेती है स्वरा का गांव वहां से बहुत दूर होता है दोनों ट्रेन से स्वरा के गांव जाते है जहां वो अपने मां बाप से राहुल को अपना दोस्त बता कर मिलाती है और कहती है मां आपको बताया था ना जब मेरी तबीयत खराब हुई थी तो एक लड़के ने मेरी मदत की थी यही है वो लड़का, स्वरा के पापा कड़क आवाज मे कहते हैं क्या नाम है तुम्हारा और कहां घर है मम्मी पापा क्या करते है और मेरी बेटी से कैसे मिला राहुल डरते-डरते बोलता है जी-जी अंकल मेरा नाम राहुल है और मेरे पापा का नाम रवीशंकर है मेरी मां सविता है तब तक स्वरा की मम्मी राहुल का हाथ पकड़ कर अंदर ले जाती है इनका तो यही काम है बच्चे इतनी दूर से थके हारे आए है और आते से सवाल जवाब शुरू जाओ धूध लेकर आओ जल्दी चाय बनाना है तुम तबतक मुंह हाथ धो लो बेटा ये कुछ कपड़े है स्वरा के भइया के इनमें से देख लो कोई आ जाए तो और ये बोलते हुए स्वरा की मम्मी रसोई घर की तरफ चली जाती है । चाय नाश्ता करने के बाद राहुल कहता है अच्छा आन्टी मैं चलता हूं घर भी जाना है ना पापा इंतजार कर रहे होंगे तो स्वरा की मम्मी कहती हैं नहीं आज बहुत लेट हो गया है कल सुबह-सुबह निकलना अब बस भी नहीं मिलेगी और राहुल को रोक लेती हैं । राहुल भी ये सोच कर रुक जाता है की इसी बहाने एक दिन और स्वरा के पास रह लेगा ।
साम को स्वरा के पापा राहुल को अपने साथ खेत घूमने ले जाते है ताकी ये पता लगा सके की राहुल कैसा लड़का है और स्वरा और राहुल के बीच मे क्या चल रहा राहुल भी उनके साथ घूमने निकल जाता है रास्ते मे स्वरा के

पापा राहुल से बहुत सवाल करते हैं की वो कहा का रहने वाला है पूरा नाम क्या है पापा क्या करते हैं जब राहुल अपना पूरा नाम बताता है राहुल राय और पापा आर्मी मे सुबेदार हैं स्वरा के पापा पहले तो सोचते हैं की कही ये दोनों प्यार तो नहीं करते ये दूसरे जाती वाले से सादी कैसे होगी फिर राहुल को डांटते हुए पूछते हैं की कही तुम दोनों प्यार तो नहीं करते राहुल बोलता है नहीं-नहीं अंकल हम बस दोस्त है और कुछ नहीं तो स्वरा के पापा उंगली दिखा कर डराते हुए बोलते है अच्छा है करना भी नहीं वरना, और आगे बढ़ने लगते है राहुल भी पीछे-पीछे चलने लगता है तब तक स्वरा के पापा बोलते हैं मैं स्वरा की सादी किसी अच्छे लड़के से कराऊंगा किसी निकम्मे लड़के से नहीं जो अपने बाप के कमाई पर रहता हो राहुल समझ जाता है की ये सब वो उसी के लिए बोल रहे हैं ।
खेत से वापस आते वक्त स्वरा के पापा के कुछ पुराने दुश्मन का लड़का अपने दोस्तों के साथ वहां से उनका मजाक उड़ाते हुए जाता है ये देखो एक ये बुड्ढा है जिससे अपनी लड़की सम्हाल मे नहीं आ रही है अरे हम क्या मर गए थे जो बाहर वाले को उठा लाई ये सब सुन कर स्वरा के पापा बर्दाश्त नहीं कर पाते है और उसे डांटते हुए गिर जाते है जिसे देख कर राहुल को भी बहुत गुस्सा आता है और वो उन्हें उठा कर उस लड़के को दौड़ा कर बहुत मारता है जिसे देख कर उसके सारे दोस्त वहां से भाग जाते है थोड़ी ही देर मे राहुल और स्वरा के पापा घर आ जाते हैं आज स्वरा के पापा भी राहुल से बहुत खुश थे वरना वो कहां वो कहां सबक सिखा पाते थे उन बदमाशों को । थोड़ी ही देर मे रात्रि के भोजन का समय हो जाता है और स्वरा के पापा भी खाना खा कर बाहर सोने चले जाते हैं । राहुल स्वरा और स्वरा की बचपन की एक दोस्त जिसे स्वरा ने सब कुछ बताया था, तीनों एक घर मे बैठ कर बाते कर रहे होते हैं पर वो लड़की बातों-बातों ही राहुल से पूछ देती है की अच्छा तुम लोग कबसे एक दूसरे से प्यार करते हो पहले दिन से ही या…. तब तक स्वरा की सकल की तरफ उसकी नजर जाती है और उसे याद आता है की स्वरा ने मना किया था प्यार की बात छेड़ने से और वो चुप हो जाती है राहुल स्वरा की तरफ देखता है तो स्वरा सरमाई और डरी हुई ये सोचते हुए की “हे भगवान अब क्या होगा कहीं इसे सच पता ना चल जाए की राहुल प्यार नहीं करता” राहुल के तरफ ही देख रही थी फिर राहुल स्वरा की दोस्त के तरफ देख कर मुसकुराते हुए कहता है कौन तो उसकी दोस्त नहीं कोई नहीं कहकर सरमाते हुए वहां से भाग जाती है । राहुल तो समझ ही गया था की स्वरा अपने दोस्तों को हमारी प्यार की झूठी कहानी बता चुकी है अब स्वरा भी जैसे ही वहां से भागने की कोशिश करती है राहुल उसका हाथ पकड़ कर अपने तरफ खींच लेता है और कहता है अच्छा और क्या-क्या बताया है अपने दोस्तों को मैडम हां स्वरा सरमाते हुए सर नीचे करके कहती है कुछ नहीं । राहुल के इतने करीब आने के वजह से स्वरा की धड़कन फिर से बढ जाती है और वो बस अपना हाथ छुड़ाने लगती है तो राहुल कहता है इतनी आसानी से नहीं पहले बताओ और क्या-क्या बताया है फिर जाने दूंगा, और स्वरा की कमर पकड़ कर अपने तरफ खींच लेता है अब स्वरा और राहुल दोनों एक दूसरे के इतने करीब आ जाते हैं की राहुल की गर्म सांसे और स्पर्श स्वरा को मदहोश किए जा रहे थे और जैसे ही राहुल के होंठ स्वरा के होंठों के करीब आते हैं स्वरा अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती है और राहुल स्वरा के गाल पर किस करता है स्वरा बस उपरी मन से हाथ छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहती है जल्दी छोड़ो कोई आ जाएगा तो राहुल मना कर देता है आने दो जिसे आना है स्वरा भी आंखें बन्द करते हुए वही राहुल के सीने पर सर रख कर उसकी धड़कनों मे खो जाती है और बोलती है अरे तुम्हारा दिल तो बहुत जोर-जोर से धड़क रहा है तो राहुल बोलता है और तुम्हारा भी धड़क रहा होगा देखूं तो स्वरा मना करती है नहीं-नहीं मेरा नहीं, राहुल स्वरा को गोद में उठा कर उसके सीने पर जैसे ही सर रखता है तबतक मां की आवाज आती है स्वरा- स्वरा कहां है ये लड़की भी ना बस गायब रहती है , स्वरा घबराई हुई राहुल से कहती है जल्दी छोड़ो अब मां आ रही है और हाथ छुड़ा कर राहुल के गाल पर एक किस दे कर हंसते हुए भाग जाती है, थोड़ी देर में स्वरा और उसकी मां कमरे मे आते है और स्वरा की मां राहुल से बात करने लगती हैं उसके और उसके परिवार के बारे में जानने के बाद वो राहुल से पूछती है की स्वरा पढ़ने में कैसी है जादे बदमाशियां तो नहीं करती वो कहां रहता है राहुल बताता है नहीं-नहीं आन्टी स्वरा खूब पढ़ाई करती है और बस कालेज और कालेज से घर कहीं भी कोई बदमाशियां नहीं करती है बस पढ़ाई करती है ।
बस थोड़ी देर बातें करने के बाद स्वरा की मां स्वरा को जल्दी सोने की नसीहत देते हुए अपने कमरे मे सोने चली जाती है बस अब कमरे मे राहुल और स्वरा रहते है तो स्वरा राहुल से कहती है अच्छा अपनी कोई शायरी सुनाओ ना राहुल कहता है हां सुना तो दूंगा और यही कहते-कहते उसकी गोद मे सर रख कर लेट जाता स्वरा डरते हुए कहती है उठो मां आ जाएगी तो क्या बोलेगी तो राहुल समझाते हुए कहता है बोल देना सर दुख रहा था अच्छा सुनो सर इधर करना ये गाल पर क्या लगा है तुम्हारे तो स्वरा कहती है कहां मुझे तो नहीं दिख रहा तो राहुल कहता है इधर तो मुंह करो दिखाऊं मैं स्वरा जैसे ही सर नीचे करती है राहुल तुरन्त उसके गालों को चूमते हुए कहता हैं अब छूट गया तो स्वरा हंसते हुए और उसको पीटते हुए कहती है बदमास मुझे पता था ऐसे ही कुछ करोगे अब शायरी सुनाओगे या नहीं तो राहुल कहता है हां जरूर मैं अपने तरफ की सुनाता हूं तो स्वरा कहती हां सुनाओ राहुल स्वरा से पूछते हुए कहता है “बनारश” मोक्ष की नगरी तुम्हें पता है बनारश कितना खूबसूरत सहर है उसे जिन्दा सहर बनारश भी कहा जाता है अब बनारश के बारे मे सुनो…

यह महाकाल की नगरी है ,
जहां मौत भी रहती दासी है ।
यह घाट बनारश काशी है ,
जहां मोक्ष रूह की प्यासी है ।।

स्वरा बोलती है यार इतनी बढ़ीया शायरियां लिखते हो तुम तो शायर बन जाओगे राहुल कहता हैं हां क्यों नहीं पर मेरा सर भी दबाती रहो स्वरा फिर राहुल के बाल खींचते हुए कहती है हां दबा तो रही हूं तो राहुल हंसते हुए और चीख कर कहता है हां बाबा ठीक है मेरी मां बल खींचने से दर्द भी होता है तो स्वरा फिर मजाक बनाते हुए कहती है अरेरे मेरा बच्चे को दर्द भी होता है पर लड़ाइयां करने मे तो सबसे आगे रहते हो हां कभी कुछ हो जाता तो मैं कहां जाती ।
राहुल समझाते हुए कहता है अरे कुछ नहीं होगा इन सालो मे इतना दम नहीं तो स्वरा हंसने लगती है और फिर राहुल स्वरा के चेहरे के तरफ देखने लगता है तो स्वरा उसका सर दूसरी तरफ करके कहती है इधर देखो मेरे तरफ नहीं मुझे अजीब सा लग रहा तो राहुल बोलता है देखूंगा मैं हहहह स्वरा बोलती है यार तुम समझ नहीं रहे हो मुझे सरम आती है और बस मन करता है की बस राहुल बोलता है हां-हां आगे बोलो मैं सुन रहा हूं क्या बस तो स्वरा हंसते हुए कहती है मन करता है की बस तुम्हारे दांत तोड़ दूं राहुल कहता है बस तोड़ दो पर मैं खाऊंगा कैसे और राहुल के माथे पर किस देते हुए स्वरा कहती है बस इसी लिए बच जाते हो । रात के दस बज गए थे और दोनों की प्यारी नोक-झोक और बातों के बीच कैसे एक घंटे का समय बीत गया सायद राहुल को सुबह जाना भी था और मुलाकात होती एक महीने के बाद पर स्वरा अगले ही पल फिरसे इमोशनल हो कर कहती है डर लगता है तुम कभी छोड़ कर तो नहीं जाओगे मुझे, राहुल डांटते हुए कहता है पागल हो कभी नहीं जाऊंगा स्वरा कहती है एक और शायरी सुनाओ राहुल मना करता है नहीं तो स्वरा जिद पकड़ लेती है नहीं एक और एक और राहुल बोलता है ठीक है पर इसके बाद नहीं सुनाऊंगा स्वरा बोलती है हां-हां ठीक है पहले सुनाओ तो वरना सोने नहीं दूंगी राहुल कहता है क्या कर लोगी हां तो स्वरा कहती है मैं भी बहुत जिद्दी हूं यही बैठ कर सुबह कर दूंगी राहुल कहता है वो तो मेरे सुनाने के बाद भी कर सकती हो, हां-हां सुनाओ अब स्वरा मुंह बनाते हुए कहती है तो राहुल प्यार से उसे अपने तरफ खींचते हुए कहता है अच्छा बाबा ठीक है कितना गुस्सा करती हो तुम भी तबतक लेट जाओ स्वरा हलका सा उपरी मन से विरोध जताते हुए कहती है नहीं-नहीं मां जगी है अभी तो राहुल कहता है सो गईं वो तुम चिन्ता ना करो, स्वरा जैसे ही कहती है हां पर, तो राहुल उसके होंठों पे उंगली रखते हुए कहता है ससससस चुप अब बिलकुल भी शायरी नहीं सुननी क्या अब सुनो अच्छा कैसी शायरी सुनोगी तो स्वरा कहती है कोई भी जो दिल को छू जाए राहुल बोलता है ओके ब्रेकप की शायरी सुनो ….

ना था कभी मुझे भी ये मंजूर, रहूँ मैं तेरे मे मगरूर ,
हुई तू हुस्न नसे में चूर, कि कर गई खुद पे इतना गुरूर ।

ना कर तू फिर से शुरू तकरार, कि अब तू जीती मैं गया हार ,
अब तो छोड़ गई तू यार, कि अब क्या खतम हुआ वो प्यार ??

स्वरा कहती है यार बस कितना दर्द भरा है तुम्हारे दिल में तो राहुल कहता हैं बचपन से अब तक जो भी मिला सबने दर्द ही तो दिया स्वरा राहुल को सीने से लगाते हुए कहती है अब मैं हूं ना ऐसा कुछ नहीं होगा और जब जाने वली होती है तो राहुल हाथ पकड़ कर रोक लेता है अभी ना जाओ स्वरा भी मान जाती है और दोनों एक दूसरे के करीब होके सोते है एक बार फिरसे स्वरा बहक रही होती है राहुल की वो धड़कनों की बढ़ी हुई आवाज और स्वरा के जिस्म की गरमी बस सांसे भारी और धड़कने तेज राहुल भी स्वरा को अपने और करीब करते हुए उसे चूमने लगता है और स्वरा भी इस बार बस राहुल मे ही खो जाना चाहती थी । बस एक दूसरे को कसके पकड़ बस होंठों से होंठों को चूमना अब दोनों की अन्तर वासना चरम पर थी राहुल भी स्वरा के ऊपर होके उसके गरदन चूमने लगता है और स्वरा बस राहुल को टाइट पकड़े हुए थी और धड़कने बढ़ी हुई सांसे चढ़ी हुई, स्वरा के जिस्म की गर्मी भी राहुल को और बेकाबू कर रही थी गरदन चूमते-चूमते राहुल कब स्वरा की नाभि तक पहुंच गया कीसी को पता ही नहीं चला स्वरा आज पहली बार राहुल से अपने प्यार का इजहार करते हुए कहती है आई लव यू राहुल तो राहुल का भी वही जवाब आता है अब धीरे-धीरे राहुल भी स्वरा के उपर की कुरती उतारता है स्वरा ऊपरी मन से हलका सा विरोध करती है पर राहुल नहीं रुकता है और बस स्वरा के ऊपर के कपड़े उतार कर उसके पूरे सरीर को चूमने लगता है स्वरा और जोर से राहुल को पकड़ती है जिससे राहुल के बदन पर कई जगह नाखून के निसान पड़ जाते है पर उस मदहोशी मे वो दर्द कुछ नहीं था स्वरा अब अर्ध नग्न अवस्था मे थी और राहुल के भी सर्ट के कई बटन टूट गए थे वो भी अपना सर्ट उतार कर रख देता है अब स्वरा से भी रहा नहीं जाता और बस राहुल को चूमने लगती है बस एक दूसरे को चूमते हुए ही आधी रात निकल जाती है राहुल जैसे ही स्वरा के कमर की तरफ हाथ बढ़ाता है स्वरा पहले तो रोकती है फिर शान्त हो जाती है दोनों एक दूसरे मे इस कदर खो गए थे की किसी को कोई होश ही नहीं था। धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे के सारे कपड़े उतार चुके थे और बस किस किए जा रहे थे कभी गला कभी होंठ कभी नाभि पूरा बदन बस और एक दूसरे मे ऐसे खोए की कुछ होश ही नहीं रहा बस उस समय जो महसूस हो रहा था वो स्वरा को अब से पहले कभी महसूस नहीं हुआ वो मीठा-मीठा दर्द और तड़प आखिर ये कैसा प्यार था जिसमें दर्द भी होता है और सुकून भी मिलता है थोड़ी ही देर मे दोनों थक कर लेट जाते है स्वरा बस उसके बाद राहुल को कस के पकड़ कर लेट जाती है वो डरी हुई भी थी इस जोश-जोश में कुछ गलत तो नहीं कर दिया राहुल प्यार से उसे गाल पर एक मीठा सा चुम्मन करते हुए समझाता है कोई गलत नहीं किया बेटा मैं हूं ना स्वरा बस उसके तरफ देखते हुए कहती है हां राहुल फिर पूछता है अच्छा तुम्हें अच्छा नहीं लगा तो स्वरा कहती है ये कैसा सवाल है मुझे नहीं पता और राहुल के सीने पर सर रख कर लेट जाती है ।
सुबह जब राहुल उठता है तो देखता है बिस्तर पर कोई नहीं था बाहर निकल कर देखता है तो स्वरा अपने मां के कमरे मे आईने के पास तावेल लपेट कर बाल बना रही थी और मां रसोई में कुछ बना रही थी मौका देख कर राहुल उसके कमरे मे जा कर स्वरा को पीछे से ही पकड़ कर मुंह बन्द करते हुए गाल पर एक चुम्मी देते हुए बाहर आ जाता है स्वरा भी सरम से लाल हो जाती है और बस राहुल के बारे मे ही सोचते हुए कपड़े बदल कर बाहर आती है तो स्वरा की मां डांटते हुए कहती है कितना समय लगता है तुझे तैयार होने मे जल्दी से मेरे बच्चे को कपड़े और तौलिया दे नहाने के लिए तो स्वरा नखरे दिखाते हुए कहती है अच्छा एक दिन मे ही मैं पराई हो गई और ये तुम्हारा बच्चा मैं जा रही हूं अपने बच्चे के साथ ही रहना तो उसकी मां भी बोलती है, हां-हां जल्दी जा पर पहले कपड़े दे कर जा तो स्वरा रोने की नकल करते हुए कहती है हां चली जाऊंगी भेजो अपने बेटे को हहहहह मैं ला कर नहीं दूंगी आकर खुद लेगा तुम्हारा बेटा और राहुल के तरफ देख कर नाक सिकोड़ते हुए चली जाती है तो स्वरा की मां राहुल से कहती है चले जाओ बेटा ये लड़की नहीं सुधरेगी तो राहुल हंसते हुए कहता है आप चिंता ना करो मैं ले लूंगा और स्वरा के पीछे-पीछे चल देता है दोनों जैसे ही कमरे मे अन्दर आते है स्वरा गेट बंद कर देती है तो राहुल कहता है अरे-अरे ये क्या कर रही हो सब इधर ही घूम रहें है स्वरा राहुल को दीवार की तरफ धकेलते हुए कही है अच्छा कौन घूम रहा है हां सुबह तो बहुत हीरो बन रहे थे हम राहुल दीवार में बिलकुल चिपका होता है और राहुल की आंखें बन्द हो रही थी उस समय स्वरा भी मौके का फायदा उठाते हुए राहुल के दोनों हाथ पकड़ कर दीवार पर चिपका देती है और उसके होंठों के पास अपना मुंह ले जाते हुए फिर गाल चूमते हुए कहती है कपड़े अलमारी मे है निकाल कर पहन लेना और हंसने लगती है पर राहुल स्वरा की कमर पकड़ कर अपने तरफ खींचते हुए कहता है तुम निकाल दो अब मैं तो नहीं निकाल रहा स्वरा अब खुद को छुड़ाने लगती है और राहुल को डराते हुए कहती है मैं मां को बुला दूंगी तो राहुल कहता है बुला लो अब तो मैं भी देखता ही हूं स्वरा रोने की नौटंकी करते हुए मुंह बनाते हुए कहती है ये गलत हैं मैं बात नहीं करूंगी तो राहुल हंसते हुए कहता है हां ठीक है मत करना और नहाने चला जाता है नाश्ता करने के बाद राहुल अपने घर के लिए निकल जाता है स्वरा भी उसे बस-स्टैंड तक छोड़ने जाती है, राहुल बस पकड़ कर घर के लिए निकल जाता है वहां से राहुल का घर भी बहुत दूर था राहुल के घर से भी फोन आ रहे थे । बस मे पीछे की सीट पर राहुल बैठा था बगल वाली सीट खाली थी राहुल को लगा बस ये सीट खाली ही रहने वाली है पर जैसे ही बस थोड़ी सी आगे गई उसके बगल वाली सीट पर एक बेहद खूबसूरत लड़की आ कर बैठी राहुल तो बस उसकी खूबसूरती देखते रह गया थोड़ी दूर सफर करने के बाद लड़की बोर होते हुए राहुल कहती है आप कहां जा रहे है तो राहुल अपने सहर का नाम बताता है लड़की कहती है अरे वाह मैं भी उधर ही जा रही हूं अपने दोस्त की सादी में आई थी वैसे मेरा नाम दिव्या और तुम तो राहुल बताता है हां मैं राहुल और क्या करती हो तो दिव्या बताती है अभी पढ़ाई पूरी हुई है और पापा ने मेरी शादी तय करदी है सहर के एक लड़के से वो बिजनेश करता है पर अभी शादी नहीं करनी थी मुझे और तुम बताओ क्या करते हो तो राहुल बताता है अभी तो ग्रेजुएसन का पहला साल पूरा हुआ है छुट्टी मे घर जा रहे हूं दिव्या पूछती है अच्छा कौन से कालेज से जब राहुल अपने कालेज का नाम बताता है तो दिव्या बोलती है पर ये तो शहर मे है फिर इधर क्या करने आए थे फिर राहुल अपने और स्वरा के बारे मे बताता है उसे ही छोड़ने आया था दिव्या बोलती है ओह प्यार का मामला है राहुल मुसकुराते हुए कहता है हां राहुल बताता है दोनों मे कैसे दोस्ती हुई और फिर कब प्यार हो गया पता ही नहीं चला । बाते करते-करते सफर भी बीत जाता है और दोनों अच्छे दोस्त भी बन जाते हैं
राहुल दूसरे दिन सुबह अपने घर पहुंचता है जहां उसके पापा और दोस्त इंतजार कर रहे थे घर पहुंच कर सबसे मिलना फिर उसकी दूसरी मां भी बैठी थी घर पर सबसे मिलने के बाद वो अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमने चला जाता है दिन भर बस दोस्तों के साथ खेल-कूद मौज-मस्ती करने के बाद जब घर वापस आने लगता है तभी स्वरा का फोन आता है और राहुल के फोन उठाते ही स्वरा कहती है बड़ी जल्दी भूल गए हां दो दिन हो गए और एक बार भी मेरी याद नहीं आई राहुल मनाते हुए कहता है नहीं-नहीं ऐसी कोई बात नहीं है तो स्वरा कहती है बस-बस मुझे मत सिखाओ सब जानती हूं मैं हहहहह, अच्छा क्या कर रहे हो तो राहुल बताता है दोस्तों के साथ बाहर घूमने आया था तो स्वरा गुस्सा होते हुए कहती है ओह अब समझी मेरी याद क्यों नहीं आई दिन भर दोस्तों के साथ मौज-मस्ती कर रहे थे तो मैं कैसे याद आती मैं कौन हूं तुम्हारे लिए मुझे बात ही नहीं करनी ये सब सुन कर राहुल मुसकुराते हुए उसे मनाता है अरे नहीं बाबा ऐसी कोई बात नहीं है बच्चों की तरह क्यों बात कर रही हो अच्छा तुम बताओ क्या कर रही तो स्वरा फिरसे गुस्सा होते हुए कहती है देखा मुझे पता था तुम अभी भी मेरा मजाक उड़ा रहे हो राहुल समझाते हुए कहता है अरे नहीं ना तबतक स्वरा फिर बीच मे बोल पड़ती है और तुमने मुझे बच्चा भी कहा मैं बच्ची हूं मुझसे बात मत करना बच्चों से बात नहीं करते बाय मैं जा रही हूं हहहहह राहुल कहता है अरे सुनो तो अच्छा सुनो ना स्वरा थोड़ा सा इतराते हुए कहती है हां जल्दी बोलो क्या है मेरे पास टाइम नहीं है तो राहुल हंसते हुए बोलता अरे हां पता है टाइम नहीं है तुम्हारे पास स्वरा कहती है बस हो गया यही कहना था अब मैं जाऊं तो राहुल कहता है शान्त मेरी मां शान्त अच्छा सोरी ना गलती हो गई अब नहीं करूंगा माफ कर दो फिर स्वरा थोड़ा और इतराते हुए कहती है हां-हां ठीक है माफ किया पर याद रखना दुबारा ऐसी गलती ना हो तो राहुल कहता है हां पक्का अगर होगी तो जो सजा देना होगा देना राहुल पूछता है आज कोई है नहीं क्या घर पर तो स्वरा कहती है हां पापा मां को लेकर सहर गए है साम तक आएंगे तो राहुल कहता है ओह मैं भी कहूं इतना फ्री कैसे हो तुम स्वरा गुस्सा दिखाते हुए कहती है क्या मतलब तुम्हारा हां बात नहीं करनी तो मत करो तो राहुल कहता है अरे नहीं मेरा मतलब की तभी इतमीनान से बात हो पा रही है ना वरना अब तक कोई ना कोई बुला लेता स्वरा कहती है अरे हां यार ये तो है अच्छे अंकल आंटी कैसे हैं तो राहुल कहता है बस सब ठीक हैं और आंटी के बारे मे ना पूछा करो मना किया था ना तो स्वरा फिर पूछती है हां पर तुमने बताया भी नहीं क्यों तो राहुल कहता है इस बार बताऊंगा ओके पर अभी नहीं स्वरा कहती है हां-हां ठीक है समझ गई अब नहीं पुछूंगी अच्छा तुम्हारे पापा पूछ नहीं रहे थे की कहा थे दो दिन राहुल बोलता है हां पूछ तो रहे थे पर मैंने सब बता दिया तुम्हारे बारे मे वो तो मिलने को भी बोल रहे थे पर मैंने मना कर दिया स्वरा सरमाते हुए कहती है अरे यार हद है कुछ बोला नहीं उन्होंने गुस्सा नहीं किया मेरे पापा तो जान ले लेते तो राहुल हंसते हुए कहता है नहीं मेरे पापा ऐसे नहीं है और मैं उनसे कुछ भी छिपाता नहीं हूं स्वरा कहती है हां अच्छा है तो कब मिलने को बोला अंकल से ! राहुल कहता है बस कालेज खुलने के बाद पापा आएंगे तो मिलेंगे अच्छा अब घर आ गया बाद मे बात करते है स्वरा भी बोलती है हां ठीक है मैं भी देखती हूं कब बात करते हो राहुल मनाते हुए कहता है अरे करूंगा ना बाबा अच्छा बाय स्वरा कुछ बोलने वाली होती है तब तक राहुल फोन काट देता है राहुल घर पहुंचता है तो पापा बोलते हैं, कितना घूमते हो इतने दिनों बाद घर आए हो घर रहना चाहिए घर पर और भी लोग हैं बाते करो साथ बैठो तो राहुल बोलता है हां ठीक है पापा, वो बहुत दिनों बाद आया था तो गांव घूमने दोस्तों के साथ चला गया गांव की ताजी हवा शहर मे कहां मिलती है तो राहुल के पापा बोलते है हां ठीक है कोई बात नहीं चलो खाना लग गया है खाना खाते है और फिर खाना-वाना खा कर सब अपने-अपने कमरे मे सोने चले जाते हैं । अगले दिन सुबह राहुल की दोस्त सिमरन को जब उसके आने का पता चलता है तो वो भी मिलने के लिए दौड़ी चली आई घर मे आते से ही राहुल की मम्मी मिली तो उसने उनसे बोला आंटी नमस्ते राहुल कहा है कब आया तो राहुल की मम्मी ने बोला आ गई आज तक तो तेरी एक दिन भी खबर नहीं मिली अब जैसे ही राहुल के आने की खबर मिली तो दौड़ी चली आई तो सिमरन बोलती है ओहो आन्टी बताओ ना जल्दी राहुल की मम्मी नाक टेढ़ी करते हुए कहती हैं और कहा होगा अपने कमरे मे सोया होगा ये सुनकर सिमरन दौड़ी राहुल के कमरे मे चली जाती है जहां राहुल सोया था और उसके पास जा कर बैठ जाती है पहले तो दिमाग मे बहुत खुराफात सोचती है फिर उसके कानों के पास जा कर जोर से चिल्लाती है जिससे राहुल डर कर उठ जाता है और सिमरन को मारने के लिए दौड़ा लेता है आ गई परेशान करने ठीक से सोने भी नहीं दिया दुस्ट किसने बुलाया तुझे ऐसे तो एक दिन भी याद नहीं आई होगी तो सिमरन बोलती है अरे यार याद क्यों नहीं आई रोज आती थी पर तेरा नम्बर नहीं था और अंकल से मांगती थी तो वो देते ही नहीं थे और तूने भी तो नहीं किया  एक बार भी याद तो राहुल बोलता है अरे नहीं यार पुराना फोन खो गया था

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ना तो किसी का नम्बर ही नहीं मिला सिमरन बोलती है अच्छा ये बता कोई लड़की वगैरा पटाई या नहीं हां या फिर मुझसे ही सादी करने का इरादा है तो राहुल कहता है चल-चल हवा आने दे सकल देखी है अपनी आई बड़ी तुझसे तो सपने मे भी सादी ना करूं तो सिमरन बोलती है क्यों क्या कमी है मेरे सकल मे वैसे तुझे बता दूं मेरा भी बायफ्रेंड है और तुझसे काफी अच्छा है तो राहुल बोलता है अच्छा है मेरे जीवन मे भी एक लड़की है और वो मुझसे बहुत प्यार करती है उसका नाम स्वरा है तो सिमरन बोलती है पक्का चुड़ैल ही होगी फोटो दिखा उसकी राहुल बोलता है खबरदार उसे कुछ उलटा सीधा बोला तो दांत तोड़ दूंगा तेरे सिमरन स्वरा की फोटो देख कर कहती है ओह सुन्दर तो है लूली-लंगड़ी तो नहीं है ना राहुल बोलता है पागल है कैसी बाते करती है तो सिमरन हंसते हुए कहती है नहीं मतलब सब कुछ ठीक है तो ऐसी कौन सी मजबूरी थी उसकी जो तुझ जैसे निकम्मे को पसंद किया राहुल सिमरन का हाथ पकड़ कर घुमाते हुए बोलता है कुछ जादे नहीं बोल रही है तू मार खाएगी तो सिमरन रोने की नोटंकी करते हुए कहती है हाथ छोड़ मेरा दर्द हो रहा है मैं दांत काट लूंगी राहुल हंसकर मजाक उड़ाते हुए कहता है हां बंदरिया तो तू है ही काट कर दिखा सिमरन फिर भौंहें सिकोड़ते हुए कहती है नहीं छोड़ेगा तो मैं चिल्ला दूंगी पर राहुल नहीं छोड़ता है तो सिमरन शोर मचाने लगती है बचाओ-बचाओ राहुल डर कर हाथ छोड़ देता है पागल है क्या तू सिमरन कहती है हां हूं और तूने तो बताया भी नहीं लड़की पटाने से पहले हहहह, राहुल प्यार से मनाते हुए कहता है अरे नहीं-नहीं ऐसी कोई बात नहीं है मुझे भी यहां आते वक्त ही पता चला तो सिमरन हंसने लगती है अरेरे मेरे बुद्धू सरकार, अच्छा कुछ बता अपने प्यार की कहानी कैसे दोस्ती हुई बात आगे बढ़ी तो राहुल उसे सारी बाते बताता है बाते करते-करते दोपहर हो जाती है और राहुल का दोस्त शेखर फिरसे राहुल को ले जाने आ जाता है पर बाहर ही राहुल के पापा मिल जाते हैं और उसे आता देख कर बोलते है फिर आ गया तू तुम लोगों को चैन नहीं है  तो शेखर बोलता है नहीं अंकल यहीं आया था कही जाना नहीं है तो राहुल के पापा बोलते है हां-हां पता है मुझे जा वो भी उपर राहुल के कमरे मे जाता है और सिमरन को देख कर बोलता है ये क्या कर रही है यहां पर इसे पता नहीं है क्या की तेरी गर्लफ्रेंड बन गई है अब आगे पीछे लट्टू होने से कुछ नहीं होगा तो सिमरन गुस्से से उसपर चिल्लाते हुए कहती है हां पता है और मैं लट्टू नहीं हूं इसपर पर तुझे पता नहीं चलेगा और वो वहां से चली जाती है राहुल रोकते ही रह जाता है अरे यार तुझे ऐसे नहीं बोलना चाहिए था राहुल शेखर से बोलता है देख उसे बुरा लग गया तो शेखर बोलता है अरे छोड़ उसे फिर ऐसे ही नोटंकी करती है फिर थोड़ी देर मे दोनों लोग बाहर निकल जाते हैं और शेखर उसे ठेके पर ले जाता है जहां दोनों लोग बीयर पीते है और बातें करते घूमते साम हो जाती है और फिरसे स्वरा का फोन आता है तो राहुल बोलता है अरे यार आज फिर भूल गया अब चिल्लाएगी ये, शेखर बोलता है  अच्छा चल तू बाते कर कल मिलते है हम और वहां से चला जाता है जैसे ही राहुल फोन उठाता है स्वरा टौंट करते हुए कहती है अच्छा तो आज भी टाइम नहीं मिला होगा साहब को कहां बिजी थे तो राहुल बोलता है अरे कही नहीं यार वो बचपन की दोस्त आई थी ये सुनकर स्वरा और गुस्सा हो जाती है कौन थी वो और क्या नाम है उसके आने से तुम मुझे भूल गए तुम मुझे प्यार ही नहीं करते जाओ-जाओ उसी चुड़ैल के पास जाओ अब उसी के यहां रहो उसी से बाते करना तो राहुल उसे मनाते हुए कहता है अरे नहीं मेरी मां ऐसी कोई बात नहीं है बलकी तुम्हारे बारे मे ही बात हो रही थी की कब कहा कैसे मिले और तुम बताओ क्या हो रहा है तो स्वरा  बोलती है हहहहह झूठ ना बोलो मुझे सब पता है तुम मजे करो आज फिर वो गुंडा आया था बहुत परेशान किया सब तोड़-फोड़ कर गया राहुल गुस्सा होते हुए कहता है अभी आता हूं मैं उसे जिंदा नहीं रहना तो स्वरा मना कर देती है की अब तो चला गया है वो पापा पुलिस मे शिकायत किए है अब नहीं आएगा और कुछ दिनों की ही तो बात है फिर हम चले ही जाएंगे राहुल बोलता है हां और बताओ क्या कर रही हो स्वरा बोलती है कुछ नहीं बस बैठी थी तुम्हारी याद आ रही थी मिलने का मन कर रहा था तो राहुल बोलता है हां मैं तो आ ही रहा हूँ तुम्ही मना कर रही हो ना तो स्वरा कहती है हां जाने दो कुछ दिन मे मिलेंगे ही तो बहुत मारूंगी तुम्हें बहुत सताते हो तो राहुल हंसते हुए कहता है यार हद है अब क्या कर दिया मैंने स्वरा नखरे दिखाते हुए पता नहीं मुझे नहीं पता मैं बस मारूंगी तो राहुल प्यार से बोलता है अरेरे अच्छा मार लेना जी भर  स्वरा बोलती है मार क्या लेना मारूंगी ही देखती हूं कौन बचाता है राहुल बोलता है अरे कौन बचा सकता है किसको मरना है तुम्हारे हाथों तुम मार लेना बस खुश स्वरा कहती है हां खुश तुम बस मिलो एक बार ऐसे ही बाते करते-करते साम हो जाती है और दोनों फिर राहुल कल बात करने का वादा करके फोन रख देता है और घर आ कर पापा के पास थोड़ी देर बैठता है । राहुल को परेशान देख कर उसके पापा पूछते हैं क्या हुआ बेटा कोई दिक्कत है क्या मुझे बता क्या हुआ इतना परेशान क्यों है तो राहुल कुछ नहीं कह कर बात टाल देता है और उनसे पूछता है आप बताइए काम कैसा चल रहा है “राहुल के पापा इसी साल आर्मी से रिटायर्ड हो कर अपनी एक कपड़े की दुकान खोले थे” राहुल के पापा बोलते हैं काम-धाम तो ठीक ही चल रहा है बेटा पर तू इतना परेशान क्यों है कोई बात है तो बता मैं हूं ना तो राहुल फिर से मना कर देता है की कोई बात नहीं है पापा आप परेशान ना हो कोई बात होगी तो बताऊंगा थोड़ी देर बाते करने के बाद सब लोग खाना-वाना खा कर अपने-अपने कमरे मे सोने चले जाते हैं तो बाहर से ही राहुल का दोस्त शेखर फोन करता है और उसे बीयर पीने के लिए बाहर बुलाता है दोनों लोग बाहर ढाबे पर जाते हैं और बैठ कर बीयर पीते हैं राहुल चुप चाप बैठा था तो शेखर बोलता है क्या हुआ उदास क्यों है भाभी से लड़ाई हुई क्या तो राहुल उसे सब बता देता है “शेखर भी अपने तरफ का बहुत बड़ा गुंडा होता है” शेखर बोलता है तो क्या हुआ चल अभी चलते हैं उसे उठा कर लाते हैं किसकी इतनी हिम्मत तो राहुल मना कर देता है की स्वरा मना कर रही है अभी, दोनों लोग ढाबे पर बैठ कर बहुत बीयर पीते हैं और हंगामा करते है ढाबे के मालिक को मारते हैं सामान तोड़ते है इधर शेखर के चमचे उनको किसी तरह सम्हाल कर बाहर लाते हैं ढाबे का मालिक भी शेखर से डर कर कुछ नहीं बोलता और बस सब देखते रहता है दोनों वहां से दूर रोड के किनारे बैठ जाते है और खूब बीयर पीते हैं और बस हंसते जाते हैं बाते करते-करते राहुल पर दिव्या का फोन आ जाता है वो रो रही होती है राहुल पहले तो पहचान नहीं पाता है फिर जब दिव्या याद दिलाती है भूल गए कुछ दिन पहले हम बस मे मिले थे तो राहुल को याद आता है ओह तुम सोरी यार भूल गया था अच्छा बताओ कैसे याद किया तो दिव्या बोलती है नहीं कुछ नहीं बस ऐसे ही मन नहीं लग रहा था तो सोचा तुमसे बात कर लूं तो राहुल बोलता है अच्छा ठीक है चलो अब बताओ क्या हुआ क्या बात है झूठ मत बोलो मुझसे तो दिव्या रोते हुए बताती है मुझे सादी नहीं करनी है और मेरे पापा जबरदस्ती कल मेरी सादी करा रहे है अगर सादी हुई तो मैं मर जाऊंगी मेरे मना करने पर भी कोई नहीं सुन रहा मुझे लड़का भी पसंद नहीं है तो राहुल कहता है बस इतनी सी बात घबराओ ना हम हैं ना और दिव्या से उसके घर का पता ले कर नशे-नशे मे ही उसके घर चले जाते हैं उसे भगा कर लाने ताकी सादी ना हो सके और रात मे ही उसे उसके घर से उठा लाते हैं लाने के बाद पता चलता है दिव्या भी किसी लड़के से प्यार करती है और उसी रात नशे में ही वो उस लड़के को भी उसके घर से उठा लाते हैं दिव्या के पापा पुलिस मे शिकायत कर देते हैं पर अगले दिन सुबह ही राहुल और शेखर दोनों को कोर्ट ले जा कर उनकी सादी करा देते हैं और सादी कराने के बाद उनको ले कर दिव्या के घर जाते हैं जहां दिव्या के पापा बहुत गुस्सा होते है और उसे ये कहते हुए की मर गई मेरी बेटी घर से बाहर निकाल देते हैं फिर वहां से निकल कर दिव्या और उसका पती अशोक दोनों अशोक के घर जाते हैं जहां दिव्या की खूब धूम-धाम से स्वागत होता है उन दोनों को मिला कर राहुल और शेखर वहां से अपने घर के लिए निकलते हैं तो रास्ते मे ही दिव्या के पापा द्वारा भेजे गए गुंडे उन्हें मारने के लिए घेर लेते हैं जैसे ही वो लोग मारने के लिए नजदीक आते हैं तो शेखर को देख कर पहचान जाते हैं और माफी मांग कर वापस चले जाते हैं जब राहुल अपने घर पहुंचता है तो उसके पापा बहुत गुस्सा होते हैं अगर कुछ हो गया होता तुझे तो इस गुंडे के साथ रह कर तेरा भी दिमाग खराब हो गया है तो राहुल उन्हें समझाता है की अगर वो उस लड़की की सादी उसके पसंद से नहीं कराता तो जहर खा कर मर जाती फिर उसका जिम्मेदार कौन होता सब जानते हुए भी अगर मैं उसकी मदत नहीं करता तो और कौन करता राहुल के पापा बोलते हैं हां-हां ठीक है पर आईन्दा से ऐसी कोई हरकत ना करना दुनिया मे बहुत लोग है मदत करने को तो राहुल और बहस ना करके शेखर के साथ फिर से बाहर घूमने निकल जाता है थोड़ी देर घूमने के बाद दोनों एक पेड़ के नीचे बैठ कर आराम कर रहे होते हैं तबतक राहुल को याद आता है की अभी तो स्वरा को भी फोन करना है और वो स्वरा को फोन लगाता है स्वरा फोन उठा कर बोलती है अच्छा जी आज क्या बात है आज तो बिना मेरे याद दिलाए याद आ गया तो राहुल बोलता है और नहीं तो क्या मैं हमेशा तुम्हारे बारे मे ही सोचते रहता हूं ये सुन कर स्वरा बोलती है हां मैं सब जानती हूं इतना भी झूठ बोलने की जरूरत नहीं है राहुल बोलता है अच्छा जी एक किस दो तो बात करूंगा वरना नहीं करूंगा तो स्वरा सरमा कर इतराते हुए कहती है तो मत करो बात मैं कौन सा मरे जा रही हूं तुमसे बात करने के लिए और किस तो बिलकुल नहीं दूंगी तुमने मेरा दिल दुखाया है राहुल बोलता है यार अब क्या कर दिया मैंने तो स्वरा हंसते हुए कहती है कुछ नहीं और अपने फोन पर ही एक मीठी सी चुम्मी देते हुए कहती है अब खुश तो राहुल कहता है हां डबल खुश दोनों घंटों बात करते है फिर फोन रख कर राहुल देखता है तो शेखर वहीं सो गया था उसे जगा कर दोनों घर आते है धीरे-धीरे छुट्टी भी खतम हो जाती है अब बस चार दिन और बचे थे तब तक इधर विनोद फिरसे स्वरा के घर पर हंगामा करने लगता है और स्वरा को जान से मारने की धमकी देने लगता है किसी तरह स्वरा 100 नम्बर पर फोन करके पुलिस को बुलाती है और विनोद को जेल भिजवा देती है उसके जेल जाने के बाद भी उसके चमचे स्वरा के घर के आस-पास ही दिन भर रहते है ताकी जब वो जाए तो उसका पीछा करके पता लगा सके की स्वरा कहां पढ़ती है पर जाते वक्त स्वरा कैसे भी करके अपने सहेलियों की मदत से उन्हें चकमा दे कर बाहर निकल जाती है और उधर राहुल भी बस पकड़ता है सहर के लिए दोनों अगले दिन सुबह बस अड्डे पर मिलते हैं और वहां से सीधे अपने कमरे पर जाते है और आराम करते-करते सो जाते हैं । साम को जब स्वरा की नींद खुली तो राहुल के पास बैठ कर बस उसे ही निहारने में ही आधा समय निकाल दिया स्वरा तो राहुल को ऐसे देख रही थी जैसे सदियों से कभी देखा ही ना हो, बड़े मासूमियत से राहुल भी सो रहा था और स्वरा उसके सर के पास बैठ कर बस उसे ही निहारे जा रही थी । साम होते-होते राहुल की भी नींद खुल जाती है तो स्वरा हड़बड़ाते हुए वहां से उठ कर चाय बनाने चली जाती है । चाय पीने के बाद राहुल कहता है चलो आज बाहर घूमने चलते हैं और बाहर से ही रात का खाना भी कर लेंगे तो स्वरा भी तैयार हो जाती है । फिरसे वही बाइक राहुल के पीछे बैठना बाहर घूमना कितना मजेदार होने वाला था राहुल बाइक चालू करता है और तो स्वरा भी बाइक पर राहुल से चिपक कर बैठ जाती है । वही चाय की टपरी वही चाय वाला वो पुरानी यादें चाय पीते-पीते अचानक से स्वरा को पार्क की याद आती है जहां वो मिलने के दूसरे दिन गए थे और बस राहुल के साथ उसी पार्क मे जाती है जहां बैठ कर दोनों घंटों बाते करते हैं, आज फिर मौसम बारिश का होने वाला था आसमान मे बादल लग रहे थे और ठंढी-ठंढी हवाएं दोनों को एक दूसरे के और करीब ल रही थी घर जाते वक्त दोनों रास्ते में होटल पर रुक कर खाना खाते हैं और फिर घर की तरफ निकल जाते हैं स्वरा भी राहुल को अपनी बांहों मे जकड़ कर बिलकुल चिपक कर बैठी थी रास्ते का पूरा मजा लेते हुए जा रही थी तबतक स्वरा राहुल से पूछती है की राहुल तुम मुझसे कितना प्यार करते हो तो राहुल बोलता है ये भी कोई पूछने वाली बात है खुद से जादे करता हूं अरे तुम तो मेरी जान हो ये सुन कर स्वरा अन्दर ही अन्दर फूले नहीं समा रही थी और बस पीछे से ही राहुल के गाल पर एक चुम्मी देते हुए उसके पीठ पर सर रख कर सपनों में खो जाती है । थोड़ी ही देर में बारिश भी सुरू हो जाती है और दोनों घर पहुंचते-पहुंचते भीग जाते हैं घर पहुंच कर स्वरा जल्दी से अपने कपड़े बदलती है और राहुल को भी बोलती है की जल्दी से कपड़े बदल लो वरना जुकाम हो जायेगा राहुल भी कपड़े बदल कर आता है और स्वरा के पास बैठ जाता है बड़े देर तक स्वरा को मदभरी निगाहों से देखने के बाद एक बार फिरसे राहुल स्वरा की गोद मे लेट जाता है और प्यार भरी निगाहों से स्वरा की तरफ देखते हुए एक हाथ से उसके बाल और सर सहलाता है । स्वरा ध्यान दूसरी तरफ करते हुए राहुल से पूछती है अच्छा तुम्हें इतने दिनों मे मुझसे मिलने का मन नहीं किया तो राहुल कहता है क्यों नहीं बहुत किया पर क्या करता इतना दूर जो था, और तुम्हें ? तो स्वरा हंसते हुए कहती है ना बिलकुल नहीं। इतने दिनों के बाद मिलकर जैसे बाते खतम ही नहीं हो रही थी बस राहुल भी स्वरा को देखे जा रहा था और स्वरा राहुल को अपने गोद मे लिए उसके सर पर हाथ घुमा रही थी । स्वरा राहुल से पूछती है अच्छा तुमने अपने मां के बारे में बताने वाले थे ना बताओ बात क्यों नहीं करना चाहते दूसरी मां अच्छी नहीं हैं क्या ! तो राहुल बोलता है नहीं ऐसी कोई बात नहीं है बस जब भी मां की बात होती है तो मुझे मेरी मां याद आ जाती है और मेरे आंखों के सामने वही सब घूमने लगता है कैसे मेरी मां ने मेरे हाथों मे दम तोड़ा था भले उस समय मैं छोटा था पर मुझे हर चीख हर बात महसूस होता था मुझे वो दर्द वो तड़प महसूस होता था जो मेरी मां को उस समय हो रहा था । वो चीख वो आवाज मेरे कानों मे आज भी गूंजता है दिमाग की नस फटने से मेरी मां तड़पी थी और मैं बस देखते रह गया मैं चाहता तो सायद मेरी मां बच जाती, सायद मैंने ही कोशिश नहीं की मैं डाक्टर को बुला कर ला सकता था या अपने किसी पड़ोसी को पर मैं सहम गया था मैं डर गया था मैं बस देखते रह गया । पता है मां के जाने के बाद मैं रोया भी नहीं आंसू ही सूख गए थे, वो देख कर मेरे अंदर कुछ महसूस ही नहीं होता था सायद मैं पत्थर का हो गया था कई दिनों तक मैंने किसी से बात नहीं की बस मां की एक फोटो के साथ खुद को एक कमरे में बंद रखता था, रोने की बहुत कोशिश की पर आंसू ही नहीं निकलते तुम ही बताओ मैं क्या करता ।
ये सब सुन कर स्वरा की सिसकियां निकल रही थी और वो बच्चों की तरह रो रही थी सोरी राहुल मुझे माफ कर दो आज के बाद कभी मैं तुम्हारी मां के बारे मे नहीं पूछूंगी तो राहुल स्वरा को सीने से लगा कर चुप कराते हुए कहता है अरे नहीं इसमें तुम्हारी क्या गलती तुम क्यों रो रही हो शान्त हो जाओ रोते हुए तुम बिलकुल भी अच्छी नहीं लगती और दुनिया मे मैं अकेले थोड़े हूं ऐसे बहुत लोग होंगे । बात को टालते हुए राहुल स्वरा से कहता है अरे तुम्हें पता है मैंने तुम्हारे लिए एक नई शायरी लिखी है सुनाऊं तो स्वरा अपने आंसू पोंछते हुए और सर हिलाते हुए कहती है हां सुनाओ तो राहुल स्वरा को शायरी सुनाता है…..

मैं जिस्म हूं तेरा तू जान है मेरी,
तू साँसों मे घुली पहचान है मेरी,
अब तुझसे ही शुरू तुझपे ही खतम,
और तुझमें ही छुपी मुस्कान है मेरी ।।

और शायरी सुनते-सुनते स्वरा भी राहुल के सीने पर सर रख कर लेट जाती है बस राहुल की धड़कनों की आवाज और सांसो की हवा ।
राहुल भी स्वरा को अपनी बाँहों में लेते हुए एक लम्बी सांस लेता है और सोने की कोशिश करता है पर नींद किसे आनी थी । एक दूसरे के इतने करीब होने के बाद एक बार फिरसे मन विचलित होने लगता है और बस जैसे ही स्वरा अपना सर उठा कर राहुल के तरफ देखने को करती है राहुल के होंठ भी स्वरा के होंठों से टकराने लगते है वो गर्म सांसे और बढ़ी हुई धड़कन बस एक दूसरे को और व्याकुल किए जा रहे थे “एक दूसरे की नजरों मे देखना सीने से चिपक कर लेटना वो बारिश का मौसम एक दूसरे की बदन की गर्मी” राहुल भी खुद को रोक नहीं पाता और स्वरा को चूमने लगता है होंठों से होंठ मिलते हैं और बस स्वरा भी राहुल को जोर से पकड़ लेती है एक दूसरे को चूमते हुए बदन के आधे कपड़े उतार फेंकते हैं और बस राहुल का हाथ जैसे ही स्वरा के कुरती की तरफ बढ़ता है स्वरा एक बार फिरसे राहुल को रोकने का प्रयास करती है और उसका हाथ पकड़ लेती है पर बटन खोलने से नहीं रोक पाती स्वरा राहुल को कस के सीने से लगाते हुए कहती है क्या हम ऐसे ही कुछ पल नहीं बिता सकते “सायद वो अहसास जो उस समय हो रहा था स्वरा उसी मे खोना चाहती थी” तो राहुल भी बोलता है हां क्यों नहीं और स्वरा के सीने पर सर रख कर लेट जाता है बस स्वरा की वो चढ़ी हुई सांसे और बढ़ी हुई धड़कन दोनों कभी एक दूसरे को किस करते तो कभी एक दूसरे को निहारते और बस उस पल मे ऐसे खो गए की समय का कुछ होश ही नहीं रहा धीरे-धीरे पूरी रात बस एक दूसरे को प्यार करने मे निकल दी ।
सुबह तक बस एक दूसरे मे ऐसे खोए रहे जैसे दो जिस्म एक जान हों पर कही ना कही कुछ खटक रहा था क्या यही प्यार है ! थके होने के कारण सुबह होते-होते राहुल सो जाता है सुबह स्वरा उठ कर कुछ पल राहुल को निहारती है फिर गाल पर एक चुम्मी देते हुए नहाने चली जाती है जब तक स्वरा नहा कर आती है राहुल सोया ही रहता है जिसे देख कर स्वरा को बहुत प्यार आ रहा था और वो फिर से राहुल के सीने पर सर रख कर सो जाती है । दोपहर मे जब उनकी नींद खुलती है तो दोनों मिलकर फैसला करते है की अब जब तक सादी नहीं हो जाती हम ऐसी कोई भी हरकत नहीं करेंगे जिससे इतना बहक जाए और दोनों लंच करके फिरसे सो जाते है । कुछ समय बाद राकी भी अपनी गलती मान कर राहुल के पस जाता है और उससे कहता है राहुल मुझे माफ कर दे यार मुझसे गलती हो गई और दोनों मे दोस्ती हो जाती है । इधर विनोद जेल से छूट कर सीधा स्वरा के घर जाता है और अपने लड़को की मदत से स्वरा के मम्मी-पापा को डरा धमका कर उसके कालेज का पता लगा लेता है और उसे वहाँ से उठा कर और सादी करने के लिए अपने गुंडो के साथ निकल जाता है, मौका देख कर स्वरा की मां स्वरा को फोन करके सारी बाते बताती है और उसे कुछ दिनों के लिए कालेज से दूर जाने को कहती है पर विनोद के लड़के “जो उसने स्वरा के घर पर निगरानी के लिए छोड़ रखा था” वो उनको फोन पर बात करते देख लेते हैं और फोन छीन कर तोड़ देते हैं । स्वरा बहुत परेशान हो जाती है राहुल भी उस वक्त घर पर नहीं था विक्की के साथ बाहर घूमने गया था जब वो वापस घर आता है तो देखता है स्वरा रो रही थी राहुल के पूछने पर स्वरा उसे सारी बाते बताती है की विनोद ने कालेज का पता लगा लिया है और अब वो यहां आ रहा है मुझसे सादी करने राहुल स्वरा को सीने से लगा कर उसे चुप कराते हुए कहता है आने दो उसे तुम डरो नहीं, कुछ नहीं होगा और इसके बाद वो कभी किसी को परेशान करने के लायक नहीं होगा कल हम कालेज भी जाएंगे और विनोद को सबक भी सिखाएंगे। स्वरा उसे मना करते हुए कहती है की नहीं वो कालेज के लड़को की तरह छोटा-मोटा गुंडा नहीं है कुछ दिन के लिए कही और चले जाएंगे तो राहुल उसे समझाता है आखिर कब-तक भागोगी और मम्मी-पापा का क्या होगा आज नहीं तो कल ये सब होना ही है, पर तुम्हें कुछ हो गया तो स्वरा कहती है पर राहुल के समझाने के बाद स्वरा भी मान जाती है ।
आखिर वो समय भी आ ही गया जब विनोद और राहुल का आमना सामना होता है, इधर जैसे ही कालेज के लड़कों को पता चला की अपने कालेज में कोई बाहर का गुंडा आया है अपने ही कालेज के लड़के को मारने, सारे लड़के विनोद और उसके साथियों को घेर लेते हैं पर राहुल सबको रोक देता है आखिर ये मेरी लड़ाई है इसमें हम आपस मे ही डिसाइड कर लेंगे, यह सुनते ही विनोद राहुल पर झपटा और उसे उठा कर दूसरी तरफ फेंक दिया । विनोद जो की पहले से ही एक बदमास था और सरीर से भी राहुल से बलवान ऐसा लग रहा था उसके सामने राहुल एक पल भी ना टिक सकेगा पर अगले ही पल राहुल उठ कर विनोद पर पलट-वार करता है जिससे विनोद भी गिर जाता है । बस लड़ाई और खून तो ऐसे बह रहा था मानो पानी गिर रहा हो कभी राहुल मारता तो कभी विनोद बहुत देर लड़ाई होने के बाद विनोद के सर पर चोट लगने के कारण बेहोश होकर गिर जाता है और राहुल जीत जाता है राहुल को भी बहुत चोट आई थी उस समय तो गुस्से मे चोट समझ मे नहीं आया पर सायद उसका एक हाथ भी टूट गया था, विनोद के गिरने के बाद उसके साथी राहुल को मारने की कोशिश करते हैं पर सबको मार कर भगा देते हैं । इधर राकी और विक्की जल्दी-जल्दी अस्पताल ले जाते हैं और जहां डाक्टर सारी फारमेलटी पूरी करने के बाद उसका इलाज करते है जादे चोट आने और हाथ टूटने के वजह से डाक्टर उसे एक दिन के लिए अस्पताल मे ही एडमिट कर लेते हैं और उसके साथ स्वरा, विक्की और राकी भी वही रुक जाते हैं स्वरा बाहर बैठ कर रो रही होती है तो विक्की उसे देख कर उससे पूछता है आखिर अब क्या हुआ क्यों रो रही हो तो स्वरा विक्की से रोते हुए कहती है सब मेरी गलती है मेरी वजह से राहुल का ये हाल हुआ है तो विक्की, स्वरा को चुप कराते हुए कहता ऐसी कोई बात नहीं है ये तो होना ही था चाहे जिसके साथ भी होती आखिर वो (विनोद) तुम्हें परेशान कर रहा था ऐसे इनसान के साथ कैसे रह सकती थी और राहुल तो तुमसे प्यार करता है वो नहीं साथ रहता तो और कौन रहता । विक्की से बाते करने के बाद स्वरा राहुल के पास आ कर बैठ जाती है थोड़ी ही देर मे राहुल भी जग जाता है तो देखता है स्वरा उसके पास ही बैठी थी और विक्की और राकी भी वही खड़े थे । स्वरा बस आंखें नम करके राहुल को ही देखे जा रही थी राहुल हलका सा मुसकुराते हुए कहता है अरे क्या हुआ तो स्वरा बस रोते हुए राहुल के सीने पर सर रख कर रोने लगती है । राहुल बस चुप कराते हुए कहता है इतनी रात हो गई तुम घर नहीं गई यहाँ विक्की है ना तो स्वरा मना कर देती है नहीं मैं भी यहीं रहूंगी तुम्हारे पास । काफी समझाने के बाद भी जब स्वरा नहीं मानती तो राहुल भी मान जाता है ठीक है यही रहो फिर कोई बात नहीं विक्की और राकी बाहर जा कर आराम करने लगते हैं स्वरा भी वहीं राहुल के पास बैठे-बैठे सो जाती है।
अगले दिन सुबह डाक्टर राहुल को घर जाने की इजाजत दे देता है, राकी भी सुबह अपने घर चला जाता है, विक्की राहुल और स्वरा को उनके रूम पर छोड़ता है, अच्छा स्वरा कोई जरूरत होगी तो बताना कहते हुए विक्की भी चला जाता है ।
विक्की के जाने के बाद स्वरा बस राहुल को एक टक देखे जा रही थी और राहुल भी स्वरा की तरफ देखने लगता है और फिर अचानक दोनों हंसने लगते हैं स्वरा कहती है हो गया मिल गई तसल्ली तुड़वा लिया हाथ, अगर तुम्हें कुछ हो जाता ना तो जान ले लेती तुम्हारी, राहुल मुसकुराते हुए स्वरा को अपने तरफ खींच कर सीने से लगाते हुए कहता है हां पर देखो कुछ हुआ नहीं ना ।
स्वरा गुस्सा होते हुए कहती है अच्छा हाथ देखो अपना …
तब-तक शश्शश्शहह्ह राहुल उसे चुप कराते हुए बस एक हाथ से ही सीने से लगाए रहता है और कहता है बस चुप रहो थोड़ी देर आज पता नहीं क्यों तुमपर बहुत प्यार आ रहा है तो स्वरा राहुल के चेहरे के तरफ देखते हुए कहती है अच्छा जी और वो क्यों तो राहुल बोलता है पता नहीं क्यों बस हलकी सी खामोशी के बाद कहता है तुम ऐसे ही थोड़ी सांती से मेरे पास नहीं रह सकती मुझे महसूस करना है तुम्हें तो स्वरा भी दोनों हाथों से राहुल को कसके पकड़ लेती है और बस चुप..
बस खामोशी के साथ दोनों एक दूसरे की आंखों मे देख रहे थे बस एक दूसरे की गरम सांसे और धड़कन महसूस हो रही थी दोनों बस उत्तेजित हो कर एक दूसरे को धीरे-धीरे चूमने लगते हैं, आज तो स्वरा ही राहुल को ऐसे किस कर रही थी जैसे सदियों से मिले ना हों ।
राहुल स्वरा को रोकते हुए जैसे ही कहता है नहीं स्वरा, स्वरा बस राहुल का मुंह बंद करते हुए उसे बेड पर गिरा देती है और कभी गर्दन तो कभी होंठ चूमते हुए बस खो जाती है राहुल भी बस उसी अहसास मे खो जाता है दोनों की उत्तेजना भी चरम पर थी, स्वरा धीरे-धीरे राहुल के सर्ट के सारे बटन खोलकर उसे किस करने लगती है, और जैसे ही सर्ट निकालने लगती है राहुल के हाथ मे थोड़ा सा खिंचाव आ जाता है जिससे राहुल दर्द से कराहने लगता है और स्वरा डर जाती है, क्-क्या हुआ सोरी- सोरी मैं… राहुल को सीधा करते हुए बैठ जाती है सोरी यार मैंने जान बूझ कर नहीं किया दर्द तो नहीं हो रहा, तबतक राहुल बोलता है नहीं-नहीं बस ठीक है वो बस हाथ सर्ट मे फंस गया था अब ठीक है और स्वरा की गोद में सर रख कर लेट जाता है
राहुल को गोद मे लिए और उसे निहारते-निहारते थोड़ी ही देर मे स्वरा भी सो जाती है, साम को जब राहुल की नींद खुलती है तो देखता है स्वरा बैठे-बैठे ही सो गई थी फिर स्वरा को जगाता है और कहता है चलो बाहर से घूम कर आते है, दोनों बाहर घूमने जाते है और टहलते-टहलते काफी दूर चले जाते हैं और थोड़ी ही देर मे अंधेरा हो जाता है दोनों ढाबे पे बैठ कर डिनर करते है, स्वरा कहती है अच्छा मेरे पापा से कब बात करोगे या मैं ही कर लूं तो राहुल बोलता है हां मैंने कर लिया है और वो मान भी गए है पर ये ना पूछना की मैंने कब किया तो स्वरा गुस्सा होते हुए बोलती है मजाक नहीं कर रही हूं मैं , राहुल प्यार से स्वरा को ले लगाते हुए कहता है हाँ पता है बाबा मैंने कर लिया है और हमारे घरवाले भी मान गए हैं तो स्वरा बोलती है ये कब हुआ और तुमने मुझे बताया क्यों नहीं वहां क्या बात हुई थी राहुल बताता है बस जब हम घर जाएंगे तो हमारी सगाई होगी स्वरा बस सब भूल कर राहुल को जोर से गले लगाती है जिससे राहुल का हाथ फिर से दब जाता है और वो जोर से चीखता है, स्वरा हंसते हुए बोलती है अब इसका तो आदत डाल लो जबतक ठीक नहीं होते रोज दर्द करेगा तो राहुल प्यार से स्वरा के सर पर ठोकते हुए कहता है अच्छा और तुम बच जाओगी, स्वरा मुस्काते हुए कहती है उफ बचना किसे है यहां तो राहुल कहता है कुछ जादे रोमांटिक नहीं हो रही चलो अब घर चलते हैं स्वरा कहती है हां चल लेंगे इतनी जल्दी क्या है डरो ना मैं हूं ना राहुल कहता है हां क्यों नहीं। दोनों बाते करते-करते दस बजे तक वापस घर पे आते है, राहुल बहुत जादे थक गया होता है और उसकी तबीयत भी ठीक नहीं थी वो बस दवा खाता है और सो जाता है स्वरा भी उसके पास ही सो जाती है ……….

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